स्वास्थ्य

Early Signs of Cataracts: क्या आपकी आंखों में मोतियाबिंद बन रहा है? 5 प्रमुख संकेत

Early Signs of Cataracts: क्या आपकी आंखों में भी धुंधलापन नजर आता है, तो हो सकता है मोतियाबिंद का संकेत हो?ये शुरुआती आम लक्षण हैं, जिन्हें अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं।बाद में समस्या बढ़ जाती है, इसलिए इन्हें पहचानें।जानिए मोतियाबिंद के 5 प्रमुख लक्षण।

2 min read
Oct 26, 2025
Early detection of cataracts can prevent further vision loss|फोटो सोर्स – Freepik

Early Signs of Cataracts: मोतियाबिंद की शुरुआत धीरे-धीरे होती है और अक्सर बिना लक्षण के आगे बढ़ती है।लेकिन कुछ संकेत समय रहते पहचान लिए जाएं तो इलाज आसान हो जाता है। healthdirect की रिसर्च के मुताबिक, यहां पांच प्रमुख शुरुआती लक्षण बताए गए हैं जो आपको सतर्क कर सकते हैं।इनमें से कोई भी दिखे तो आंखों के डॉक्टर से संपर्क करें।जल्दी पता चलने पर सर्जरी से दृष्टि पूरी तरह वापस पाई जा सकती है।

ये भी पढ़ें

Memory Improvement Tips: बिना कुछ किए बढ़ेगी याददाश्त! वैज्ञानिकों ने बताया 2 मिनट का आसान तरीका

मोतियाबिंद क्या है


मोतियाबिंद (Cataract) आंख के लेंस पर बनने वाला एक धुंधला परत जैसा धब्बा होता है। यह लेंस एक पारदर्शी डिस्क होता है जो आंख के अंदर मौजूद रहता है और हमारी दृष्टि को स्पष्ट बनाए रखता है। जब इस परत में धुंधलापन आने लगता है, तो धीरे-धीरे नज़रिया धुंधला हो जाता है और समय के साथ स्पष्ट दिखाई देना मुश्किल हो सकता है।मोतियाबिंद एक या दोनों आंखों में विकसित हो सकता है, लेकिन एक आंख में एक से ज्यादा मोतियाबिंद नहीं बनते।

मोतियाबिंद का कारण क्या है

  • उम्र बढ़ना: बढ़ती उम्र के साथ लेंस में स्वाभाविक बदलाव आने लगते हैं।
  • डायबिटीज: शुगर लेवल ज्यादा रहने पर लेंस की संरचना में बदलाव होते हैं, जिससे मोतियाबिंद जल्दी बन सकता है।
  • आंख की चोट: आंख पर चोट लगने से लेंस को नुकसान पहुंच सकता है, जिससे मोतियाबिंद बन सकता है।
  • कुछ दवाएं: जैसे स्टेरॉइड्स या मानसिक रोगों के इलाज में दी जाने वाली दवाएं (Phenothiazines)।
  • अत्यधिक धूप (UV Rays): सूरज की किरणों में मौजूद अल्ट्रावायलेट लाइट लेंस को नुकसान पहुंचा सकती है।
  • रेडिएशन ट्रीटमेंट: कैंसर आदि के इलाज में दी जाने वाली रेडिएशन आंखों के लेंस की कोशिकाओं को प्रभावित कर सकती है।

मोतियाबिंद के 5 शुरुआती लक्षण

धुंधली या कोहरे जैसी दृष्टि: चीजें साफ दिखाई नहीं देतीं और नजर धुंधली लगती है।
रंगों की चमक कम लगना: रंग पहले जितने जीवंत या गहरे नहीं दिखते।
रोशनी से चकाचौंध: धूप, हेडलाइट्स या लैम्प की रोशनी ज्यादा तेज और चुभने वाली लगती है।
रात में देखने में परेशानी: रात में ड्राइव करना या कम रोशनी में चीजें पहचानना मुश्किल हो जाता है।
चश्मे का नंबर बार-बार बदलना: आपको बार-बार नए चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस की जरूरत महसूस होती है।
कभी-कभी एक आंख में डबल विजन (दोहरा दिखाई देना) या चीज़ों की कई परछाइयां भी नजर आ सकती हैं।

मोतियाबिंद का उपचार


मोतियाबिंद का पता आंखों की जांच से लगाया जा सकता है। नेत्र चिकित्सक आपकी आंखों की पूरी जांच करेंगे। वे स्लिट लैंप का उपयोग करके आपकी आंखों का निरीक्षण कर सकते हैं, जो मोतियाबिंद के स्थान को दिखाता है।अगर आपकी उम्र 40 साल से ज्यादा है, तो हर 2 साल में आंखों की जांच करवाना जरूरी है, भले ही आपको कोई आंखों की समस्या न हो।

ये भी पढ़ें

Causes of Eye Twitching : क्या आंख का फड़कना किसी बीमारी का है संकेत? जानें

Published on:
26 Oct 2025 04:59 pm
Also Read
View All

अगली खबर