High Fasting Blood Sugar Causes : अगर आपका फास्टिंग ब्लड शुगर 315 mg/dL (17.5 mmol/L) है, तो ये बहुत ज्यादा है और इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। डॉक्टर अतुल गोयल बताते हैं कि इतना बढ़ा हुआ शुगर लेवल शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन), नमक और मिनरल्स का असंतुलन (इलेक्ट्रोलाइट इम्बैलेंस) या डायबिटिक कीटोएसिडोसिस (DKA) जैसी गंभीर दिक्कतें पैदा कर सकता है।
Fasting blood sugar : हम आपके लिए ब्लड शुगर और उससे जुड़ी लाइफ स्टाइल संबंधी समस्याओं को नियंत्रित करने के लिए डॉक्टर द्वारा अनुमोदित उपाय लेकर आते रहे हैं। आज, हम आपको बता रहे हैं कि अगर आप 17.5 mmol/L या 315 mg/dL जैसे फास्टिंग हाई ब्लड शुगर लेवल से जूझ रहे हैं तो विशेषज्ञ सावधानी बरतने की सलाह देते हैं। सीनियर फिजिशियन डॉ. अतुल गोयल ने बताया कि यह संख्या हाई ब्लड शुगर का संकेत देती है और व्यक्ति की पूरी तरह से जांच की जानी चाहिए।
फास्टिंग ब्लड शुगर आमतौर पर 8 से 12 घंटे के उपवास के बाद मापा जाता है। स्वस्थ व्यक्तियों में, फास्टिंगग्लूकोज आमतौर पर लगभग 3.9 और 5.6 mmol/L (70-100 mg/dL) के बीच होता है। बार-बार माप पर लगातार 7.0 mmol/L (126 mg/dL) से ऊपर का मान डायबिटिज का संकेत देता है, जबकि प्रीडायबिटीज अक्सर लगभग 5.6 और 6.9 mmol/L (100-125 mg/dL) के बीच होती है। 17.5 mmol/L का FBS काफी बढ़ा हुआ होता है और तत्काल चिकित्सा मूल्यांकन की आवश्यकता होती है।
डॉ. अतुल गोयल के अनुसार, अनुपचारित या खराब नियंत्रित डायबिटिज, तीव्र तनाव, कुछ दवाओं, संक्रमणों, अग्नाशयशोथ, हार्मोनल विकारों या अंतःस्रावी स्थितियों में फास्टिंग ग्लूकोज का बढ़ा हुआ स्तर हो सकता है।
टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में अगर ब्लड शुगर बहुत ज्यादा बढ़ जाए, तो इससे शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन), इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन और डायबिटिक कीटोएसिडोसिस (DKA) जैसी गंभीर स्थिति हो सकती है।
अगर फास्टिंग के दौरान ब्लड शुगर बहुत हाई हो और साथ में बहुत प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, उल्टी या मतली होना, पेट में दर्द, या मुंह से फल जैसी गंध आने लगे तो इसे हल्के में न लें। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें या नजदीकी अस्पताल जाएं। यह एक मेडिकल इमरजेंसी हो सकती है।
निदान और प्रबंधन के लिए पेशेवर मूल्यांकन की आवश्यकता होती है, जिसमें बार-बार जांच, HbA1c माप और व्यक्तिगत उपचार शामिल हैं। पूरी नैदानिक स्थिति के आधार पर लाइफ स्टाइल में बदलाव, ग्लूकोज कम करने वाली दवाएं और अंतर्निहित कारणों के उपचार पर विचार किया जाएगा।
इसके अलावा, रोगी को यह आश्वस्त करना भी जरूरी है कि उचित देखभाल से डायबिटीज का प्रबंधन किया जा सकता है।
उचित और संयमित आहार का पालन करें।
जटिल कार्बोहाइड्रेट बढ़ाएं, प्रोटीन की पर्याप्तता की जांच करें और अच्छे वसा शामिल करें।
चलना व्यायाम का सबसे अच्छा और सरल तरीका है।
प्रतिदिन कम से कम 7000 कदम चलने का लक्ष्य रखें।
व्यक्ति की उम्र, सह-रुग्णताओं और क्षमता के अनुसार गतिविधि को समायोजित करें।
बहुत अधिक ब्लड शुगर पर अग्न्याशय को आराम देने और दीर्घकालिक मधुमेह प्रबंधन को आसान बनाने के लिए अल्पकालिक इंसुलिन की आवश्यकता हो सकती है। दवा का प्रकार रोगी की पृष्ठभूमि और लक्षणों पर निर्भर करता है।
डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल जागरूकता के लिए है और यह किसी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी दवा या उपचार को अपनाने से पहले विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें।