Foods To Eat For Kidney Failure: बदलती लाइफस्टाइल और गलत खानपान से जुड़ी लापरवाही अक्सर सेहत से जुड़ी परेशानियों की जड़ बन जाती है, जैसे कि किडनी से जुड़ी समस्याएं।
Foods To Eat For Kidney Failure: तेजी से बदलती लाइफस्टाइल और गलत खानपान से जुड़ी लापरवाही अक्सर सेहत से जुड़ी परेशानियों की जड़ बन जाती है, जैसे कि किडनी से जुड़ी समस्याएं। आजकल किडनी फेलियर एक सामान्य समस्या बन गई है।जैसा कि हम जानते हैं, किडनी शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है, जो खून को साफ करने, विषैले पदार्थों को बाहर निकालने और शरीर में तरल संतुलन बनाए रखने का काम करती है।हालांकि, किडनी खराब होने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन उनमें से एक बड़ा कारण है, सही तरीके से खानपान का ध्यान न रखना। इसलिए इस लेख में हम जानेंगे कि किन चीजों को अपनी डाइट में शामिल करना फायदेमंद हो सकता है।
पालक, केल, लेट्यूस और पत्तागोभी जैसे हरे पत्तेदार साग किडनी के लिए बेहद फायदेमंद हैं। इनमें मौजूद फाइबर, मैग्नीशियम और नाइट्रेट ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखते हैं और हार्ट के साथ-साथ किडनी को भी हेल्दी बनाए रखते हैं।
सैल्मन और सार्डिन जैसी फैटी फिश ओमेगा-3 फैटी एसिड का अच्छा स्रोत हैं। ये ट्राइग्लिसराइड्स को कम करती हैं और इंफ्लेमेशन को भी कंट्रोल करती हैं। हफ्ते में कम से कम दो बार इन मछलियों को डाइट में शामिल करना किडनी हेल्थ के लिए बेहद उपयोगी माना जाता है।साथ ही, रोजाना कुकिंग के लिए रिफाइंड ऑयल की जगह एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल करें। यह सोडियम युक्त सॉस और अनहेल्दी ऑयल्स का बेहतरीन विकल्प है।
दालें, राजमा, छोले और बीन्स फाइबर का बेहतरीन स्रोत हैं। ये न सिर्फ कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद करते हैं बल्कि ब्लड शुगर को भी बैलेंस रखते हैं। इससे किडनी पर ज़्यादा प्रेशर नहीं पड़ता और उसकी कार्यक्षमता लंबे समय तक बनी रहती है।
अगर आप किडनी को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो मिठाइयों की जगह ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी और रैस्पबेरी जैसी बेरीज खाएं। इनमें मौजूद पॉलीफेनॉल सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं और ब्लड शुगर लेवल को बढ़ने नहीं देते।आप चाहें तो दही के साथ एक कप मिक्स बेरीज रोजाना डाइट में शामिल कर सकते हैं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
ये भी पढ़ें