Heart Attack: हालिया रिसर्च में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि दिल का दौरा पड़ने पर इलाज के दौरान दी जाने वाली कुछ आम दवाएं महिलाओं के लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं।
Heart Attack In Women: दिल का दौरा पड़ने पर तुरंत दी जाने वाली कुछ दवाएं हो सकती हैं जानलेवा, खासकर महिलाओं के लिए।एक हालिया रिसर्च में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि दिल का दौरा पड़ने पर इलाज के दौरान दी जाने वाली कुछ आम दवाएं महिलाओं के लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं। यह महिलाओं के लिए खतरे की घंटी है।शोधकर्ताओं का मानना है कि पुरुषों और महिलाओं के शरीर में दवाओं का असर अलग-अलग होता है, लेकिन अब तक इस फर्क को मेडिकल प्रैक्टिस में नजरअंदाज किया गया है। इस स्टडी ने दिल की बीमारियों से जूझ रहीं महिलाओं के इलाज को लेकर नई बहस छेड़ दी है।
बीटा ब्लॉकर्स ऐसी दवाएं हैं जो दिल की धड़कन को नियंत्रित करने, ब्लड प्रेशर कम करने और हार्ट अटैक के बाद जटिलताओं से बचाने के लिए दी जाती हैं। अब तक इन्हें "स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट" माना जाता रहा है। यह दवाएं पुरुषों पर असरदार हो सकती हैं, लेकिन नई स्टडी के अनुसार महिलाओं के लिए यह दवा जान का खतरा बढ़ा सकती है।
इस शोध में यह साफ तौर पर सामने आया है कि महिलाओं में बीटा ब्लॉकर्स से मृत्यु, दोबारा हार्ट अटैक या हार्ट फेलियर के कारण अस्पताल में भर्ती होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में जरूरत है कि महिलाओं के लिए इलाज की रणनीति अलग से बनाई जाए और दवा के प्रभाव को लिंग के आधार पर भी परखा जाए।
स्टडी यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी कॉन्ग्रेस, मैड्रिड में पेश की गई।इसमें स्पेन और इटली के 109 अस्पतालों से 8,505 मरीजों को शामिल किया गया।मरीजों को दो समूहों में बांटा गया – एक को बीटा ब्लॉकर्स दिए गए और दूसरे को नहीं। करीब 3.7 साल तक फॉलो-अप करने पर पता चला कि जिन महिलाओं को यह दवा दी गई, उनमें मौत, दोबारा हार्ट अटैक या हार्ट फेलियर के लिए हॉस्पिटलाइजेशन का खतरा ज्यादा रहा।
वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ वेलेंटिन फस्टर के अनुसार, “यह नतीजे पूरी दुनिया की क्लिनिकल गाइडलाइंस बदल सकते हैं।”वहीं, प्रमुख शोधकर्ता बोरजा इबानेज का कहना है कि यह पिछले कई दशकों में हार्ट अटैक के इलाज को लेकर सबसे बड़ी खोज है।