स्वास्थ्य

बस ड्राइवर को Heart Attack, मरने से पहले बचाया कईयों की जिंदगी, कर्नाटक में ड्राइवर्स की अचानक मौत क्यों?

Karnataka Drivers Heart Attack : कर्नाटक में बस चलाते वक्त एक KSRTC ड्राइवर को हार्ट अटैक आया। ड्राइवर खुद की जिंदगी नहीं बचाया लेकिन मरने से पहले कईयों को जिंदगी देने का काम किया है। जानिए, कर्नाटक में ड्राइवर्स को हार्ट अटैक क्यों आ रहे हैं?

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Sep 17, 2025
Karnataka Drivers Heart Attack | Photo- AI Grok

Karnataka Drivers Heart Attack : कर्नाटक में एक और बस ड्राइवर की हार्ट अटैक से मौत की खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि बस चलाते वक्त ड्राइवर को हार्ट अटैक आया था। उस ड्राइवर ने हार्ट अटैक आने के बाद भी यात्रियों की सुरक्षा का ध्यान रखा और उनको बचाया। इस मौत के साथ एक बार फिर सवाल उठ रहा है कि आखिर क्यों कर्नाटक में ड्राइवर्स को अटैक आ रहे हैं? जबकि, इसको लेकर राज्य सरकार हर साल करोड़ों रुपए खर्च भी कर रही है। आइए, इस घटना के साथ पूरी बात समझते हैं।

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KSRTC बस ड्राइवर को हार्ट अटैक

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबकि, मंगलवार को बेंगलुरु-हरिहर नेशनल हाईवे-4 पर बस चलाते वक्त ड्राइवर को हार्ट अटैक आया। मृतक ने कठिन समय पर भी सही फैसला लिया और बस को साइड कर लिया जिससे कि हादसा होने से बचा। साथ ही उस पर सवार यात्रियों की जान बच पाई। मृतक ड्राइवर का नाम राजीव बीरसाला चकन्नी (56 वर्ष) बताया जा रहा है।

3 में से एक मरने वाला ड्राइवर

मई-जून के बीच कर्नाटक के हासन जिला में हार्ट अटैक से लगातार मौत की खबर सामने आई थी जिसको लेकर देशभर में अफरातफरी मची। राज्य सरकार को एक कमिटी का गठन करना पड़ा था। द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट ने लिखा था कि हासन में 3 में से एक हार्ट अटैक से मरने वाला ऑटो या कैब ड्राइवर है।

30 प्रतिशत मृतक ऑटो-कैब ड्राईवर- स्वास्थ्य मंत्री

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडु राव ने मीडिया को संबोधित करते वक्त कहा था कि जितनी मौतें हुई हैं उनमें से 30 प्रतिशत ऑटो-कैब ड्राईवर हैं जो बेंगलुरु में रहते हैं। उनके काम के दबाव और लाइफस्टाइल आदि के कारण इस तरह की दिक्कत हो रही है।

₹2.55 ड्राइवरों के हार्ट हेल्थ चेकअप पर खर्च

कर्नाटक सरकार ने KSRTC के 34 हजार कर्मचारियों के लिए जिनमें 24 हजार से अधिक ड्राइवर व कंडक्टर भी हैं। इनके दिल से संबंधित बीमारी के लिए साल 2023 में जयदेव हॉस्पिटल (Sri Jayadeva Institute of Cardiology and Research) के साथ एक एमओयू साइन किया। ताकि समय पर कर्मचारियों की कार्डियक जांच हो पाए। इसके लिए हर साल ₹2.55 करोड़ खर्च होते हैं।

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Published on:
17 Sept 2025 05:45 pm
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