Oral Health and Stroke : नई रिसर्च में खुलासा हुआ है कि जिन लोगों को मसूड़ों की बीमारी या दांतों में सड़न होती है, उनमें स्ट्रोक का खतरा लगभग दोगुना बढ़ जाता है। जानिए कैसे ओरल हेल्थ आपके दिमाग और दिल दोनों की सेहत से जुड़ी है और कौन-सी आदतें आपको सुरक्षित रख सकती हैं।
Oral Health and Stroke : हम सबको बचपन से सिखाया गया है कि दिन में दो बार ब्रश करो, फ्लॉस करो और हर छह महीने में दांतों की जांच कराओ। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये आदतें सिर्फ मुस्कान को चमकदार रखने के लिए नहीं, बल्कि दिमाग को भी बचा सकती हैं? दरअसल, हाल ही में Neurology Clinical Practice नाम की एक रिसर्च में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि जिन लोगों की दांतों और मसूड़ों की सेहत खराब होती है जैसे कि पायरिया और दांतों में कैविटी है। उनमें स्ट्रोक (लकवा) और हार्ट डिजीज का खतरा लगभग दोगुना ज्यादा होता है।
यह अध्ययन करीब 6,000 लोगों पर 20 साल तक चला। इसमें पाया गया कि जिन लोगों को मसूड़ों में इंफेक्शन और दांतों में सड़न थी, उन्हें इस्केमिक स्ट्रोक (जहां ब्लड फ्लो दिमाग तक नहीं पहुंच पाता) का खतरा 1.86 गुना ज्यादा था। इतना ही नहीं, ऐसे लोगों को हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियों का भी 36% ज्यादा खतरा पाया गया। यह बात तब भी सही निकली जब रिसर्चर्स ने स्मोकिंग, मोटापा, डायबिटीज और ब्लड प्रेशर जैसे फैक्टर को ध्यान में रखा।
इसका असली कारण है, इंफ्लेमेशन यानी सूजन। जब मसूड़ों में इंफेक्शन होता है, तो मुंह के हानिकारक बैक्टीरिया खून में पहुंच जाते हैं। इससे शरीर में लगातार सूजन बनी रहती है, जो धीरे-धीरे नसों को कमजोर और ब्लॉकेज की ओर ले जाती है। यही ब्लॉकेज आगे चलकर स्ट्रोक या हार्ट अटैक का कारण बन सकता है।
स्टडी में यह भी पाया गया कि जो लोग नियमित रूप से दांतों की जांच कराते हैं, उन्हें स्ट्रोक और दिल की बीमारियों का खतरा बहुत कम होता है। यानी आपका डेंटिस्ट सिर्फ दांत नहीं बचा रहा, वो आपके दिल और दिमाग को भी सुरक्षित रख रहा है।
रिसर्च में साफ कहा गया कि अगर हम ओरल इंफेक्शन से बचाव करें, तो बुजुर्गों में स्ट्रोक का खतरा काफी घटाया जा सकता है।
आजकल स्ट्रोक सिर्फ बुजुर्गों की बीमारी नहीं रह गई है। 30-40 की उम्र में भी लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं। इसकी बड़ी वजह है। तनाव, धूम्रपान, खराब खानपान और अब यह नया कारण मसूड़ों की बीमारी।
दिन में दो बार फ्लोराइड टूथपेस्ट से ब्रश करें। रोजाना फ्लॉस करें ताकि मसूड़ों में सूजन न हो। धूम्रपान छोड़ें और मीठे खाद्य पदार्थों से दूरी रखें। हर छह महीने में डेंटल चेकअप कराएं। फाइबर, फल और सब्जियां ज्यादा खाएं ताकि मसूड़े मजबूत रहें।