Covid 19 : कोरोना ने किस तरह विश्वभर में तबाही मचाई थी इस बात को सभी जानते हैं लेकिन क्या आपको पता है इसके पीछे का कारण क्या था। अब जापानी रिसर्च ने इस बात को लेकर पता लगा लिया है।
Covid 19 : जापानी रिसर्च ने यह पता लगा लिया है कि कोविड-19 के लिए जिम्मेदार गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम कोरोनावायरस 2 ( SARS‑CoV‑2 ) में एक एंजाइम होता है जो वायरस के खिलाफ कोशिका के जन्मजात डिफेंस सिस्टम के खिलाफ काम कर सकता है। इसी बात को लेकर कोबे विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अपनी बात रखी कि इस शोध से पता चल सकता है कि सार्स और मेर्स वायरस की तुलना में कोविड-19 ज्यादा संक्रामक क्यों है?
इस टीम ने अध्ययन के दौरान कोविड वायरस में "ISG15" नामक मोलेक्युलर टैग की भूमिका पर केंद्रित किया जो न्यूक्लियोकैप्सिड प्रोटीन को एक-दूसरे से जुड़ने नहीं देता है- यह वायरस को इकट्ठा करने की एक बड़ी प्रक्रिया हैं।
शोजी ने कहना है कि परिणाम बताते हैं कि कोरोनावायरस रोग इम्यून सिस्टम की इस पहलू से बच कर निकलने में माहिर होते हैं और इसी के कारण वे हो जाते हैं।
विश्वविद्यालय के वायरोलॉजिस्ट शोजी इकुओ ने जर्नल ऑफ वायरोलॉजी में इसको एक पेपर लेकर समझाया कि एंजाइम अपने न्यूक्लियोकैप्सिड से टैग हटा सकता है, जिससे नए एंजाइम को इकट्ठा करने की इसकी क्षमता दोबारा प्राप्त हो जाती है।
जन्मजात इम्यून सिस्टम (इनेट इम्यून सिस्टम) वायरस के प्रवेश, प्रतिकृति और कॉम्बिनेशन को सीमित करती है। यह संक्रमित कोशिकाओं का पता लगाकर उन्हें हटा भी देती है।
इस बात से हम वाकिफ है कि सार्स और मेर्स वायरस के से ज्यादा कोविड (Covid 19) तेजी से लगभग सभी महाद्वीपों में फैल गया था, जिसमें कम आबादी वाला अंटार्कटिका भी शामिल था। इसका कारण यह था कि कोविड वायरस लगातार नए-नए रूपों के साथ म्यूटेट और संक्रमित होता रहता है जिस वजह से यह खुद को ज्यादा घातक भी बना देता है। लेकिन बाद में सामूहिक टीकाकरण के साथ इसका असर सीमित हो गया था।
शोधकर्ताओं का कहना है कि गर हम ISG15 टैग को हटाने वाले वायरल एंजाइम के कार्य को रिस्ट्रिक्ट कर सकते हैं तो हम नई एंटीवायरल दवाएं विकसित करने में सक्षम हो सकते हैं।
उनका आगे कहना है कि भविष्य की थेरेप्यूटिक स्ट्रेटजी में एंटीवायरल एजेंट भी शामिल हो सकते हैं जो सीधे न्यूक्लियोकैप्सिड प्रोटीन या इन दोनों के कॉम्बिनेशन को टार्गेट कर सकती है।