Beetroot juice benefits: चुकंदर का जूस पीने के कई फायदे होते हैं। शरीर की सेहत से लेकर ग्लोइंग स्किन तक। अगर आप चुकंदर के जूस का पूरा फायदा उठाना चाहते हैं, तो जानिए इसे पीने का सही समय और सही फूड कॉम्बिनेशन, जिससे पोषण मिले भरपूर।
Beetroot Juice Benefits: चुकंदर का जूस सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। यह न सिर्फ खून बढ़ाने में मदद करता है, बल्कि शरीर को डिटॉक्स भी करता है और एनर्जी को बूस्ट करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे कब पीना सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है, खाली पेट या खाने के बाद? अगर सही समय पर चुकंदर का जूस पिया जाए, तो इसके फायदे कई गुना बढ़ सकते हैं। आइए जानते हैं कि इसे पीने का सबसे सही समय क्या है।
चुकंदर एक बेहद पौष्टिक सब्जी है, जिसे अक्सर सलाद या जूस के रूप में खाया जाता है। इसमें आयरन, फोलिक एसिड, फाइबर, पोटैशियम और एंटीऑक्सिडेंट्स की भरपूर मात्रा होती है, जो शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है।
अगर आप चुकंदर का जूस (Beetroot Juice)खाली पेट सुबह-सुबह पीते हैं, तो इसका असर और भी ज्यादा बढ़ जाता है। खाली पेट शरीर में न्यूट्रिएंट्स को जल्दी और अच्छे से सोखने की क्षमता होती है। चुकंदर का जूस पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है, शरीर को डिटॉक्स करता है और एनर्जी भी बढ़ाता है।
-शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं।
ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।
-स्किन ग्लो करने लगती है।
-शरीर को मिलती है एनर्जी
-हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद करता है।
खाने के तुरंत बाद चुकंदर का जूस पीना कुछ लोगों के लिए भारी पड़ सकता है। इससे गैस, ब्लोटिंग या अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अगर आप दिन में कभी भी चुकंदर का जूस पीना चाहते हैं, तो यह कोशिश करें कि खाने के कम से कम 1 से 2 घंटे बाद पिएं। इससे खाना भी अच्छे से पचेगा और जूस का असर भी सही से होगा।
आप चुकंदर का जूस रोज पी सकते हैं, लेकिन 1 ग्लास (150–200 ml) से ज्यादा ना लें। ज्यादा मात्रा में पीने से ब्लड प्रेशर बहुत नीचे जा सकता है या यूरिन का रंग गुलाबी हो सकता है, जिससे लोग घबरा जाते हैं। ये आम बात है, परंतु हर किसी को अपने शरीर की प्रतिक्रिया देखनी चाहिए।
-लो ब्लड प्रेशर के मरीजों को सावधानी रखनी चाहिए
-अगर आपको किडनी स्टोन की समस्या है, तो डॉक्टर की सलाह लें
-डायबिटिक पेशेंट्स को सीमित मात्रा में ही पीना चाहिए
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।