Milk for Diabetes: क्या दूध ब्लड शुगर बढ़ाता है? जानें सादा दूध और फ्लेवर्ड दूध में फर्क, लैक्टोज का असर और डायबिटीज पेशेंट्स के लिए सही विकल्प।
Milk for Diabetes: दूध में लैक्टोज नाम की प्राकृतिक शुगर होती है। यह ग्लूकोज और गैलेक्टोज से मिलकर बनी होती है। मिठाई या कोल्ड ड्रिंक में मिलने वाली रिफाइंड शुगर से यह काफी अलग है। लैक्टोज धीरे-धीरे डाइजेस्ट होती है और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) भी कम होता है, यानी यह ब्लड शुगर को अचानक नहीं बढ़ाती। इसके साथ ही दूध आपको प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन B12 जैसे जरूरी पोषक तत्व भी देता है।
चॉकलेट मिल्क, स्ट्रॉबेरी मिल्क, कॉफी लट्टे और मिल्कशेक में अक्सर अतिरिक्त चीनी (Added Sugar) डाली जाती है। यही शुगर ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ा सकती है और लंबे समय तक ज्यादा मात्रा में लेने से डायबिटीज़ का रिस्क भी बढ़ जाता है।
सादा दूध (Plain Milk): GI लगभग 46 है, यानी धीरे-धीरे ग्लूकोज रिलीज करता है। इससे शुगर लेवल संतुलित रहता है।
फ्लेवर्ड मिल्क: इसमें ज्यादा शुगर होने की वजह से खाने के बाद शुगर लेवल तुरंत बढ़ सकता है।
सॉफ्ट ड्रिंक्स, कोल्ड ड्रिंक्स: ये सबसे ज्यादा खतरनाक हैं क्योंकि इनमें सिर्फ चीनी होती है, कोई न्यूट्रिशन नहीं।
पोषण (Nutrition): सादा दूध से हड्डियां, मांसपेशियां और नर्वस सिस्टम मज़बूत होता है। इसमें मौजूद प्राकृतिक शुगर फ्री शुगर नहीं मानी जाती।
डायबिटीज कंट्रोल: डायबिटीज वाले लोग दूध पी सकते हैं क्योंकि इसमें मौजूद शुगर धीरे असर करती है। बस फ्लेवर्ड दूध से बचना जरूरी है।
दांतों की सेहत: लैक्टोज दांतों को नुकसान तो पहुंचा सकता है, लेकिन मिठाई या फ्लेवर्ड मिल्क जितना नहीं।
बच्चों की डाइट: बच्चों को रोजाना सादा दूध देना चाहिए। फ्लेवर्ड मिल्क सिर्फ कभी-कभी ट्रीट की तरह ही दें।
NHS के अनुसार, बड़ों को दिनभर में 30 ग्राम से ज्यादा फ्री शुगर नहीं लेनी चाहिए। बच्चों के लिए यह सीमा और कम है। ध्यान रहे दूध में मौजूद प्राकृतिक लैक्टोज इसमें शामिल नहीं होता, लेकिन फ्लेवर्ड दूध या मिल्कशेक में डाली गई शुगर पूरी तरह गिनी जाती है।
रोजाना सादा दूध पिएं। फ्लेवर्ड मिल्क और मिल्कशेक को कभी-कभी ही लें। दूध के पैक पर कार्बोहाइड्रेट (of which sugars) देखकर शुगर की मात्रा चेक करें। चाहें तो बिना शुगर वाले सोया, ओट्स या बादाम दूध का इस्तेमाल करें। दूध को फाइबर या प्रोटीन वाले खाने के साथ लें ताकि शुगर लेवल संतुलित रहे। बच्चों को साधारण दूध पीने की आदत डालें, मीठा दूध कम करें। घर पर दूध में चीनी, चॉकलेट पाउडर या सिरप डालने से बचें।