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100 मिलियन भारतीय डायबिटीक, Type 5 Diabetes का बढ़ता खतरा

Type 5 Diabetes : बचपन का कुपोषण भी डायबिटीज का कारण बन सकता है। इसे टाइप 5 डायबिटीज कहा जाता है और भारत जैसे देशों में यह तेजी से चिंता का विषय बन रहा है।

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भारत

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Manoj Vashisth

Jul 31, 2025

Type 5 Diabetes

Type 5 Diabetes : 100 मिलियन भारतीय डायबिटीक, Type 5 Diabetes का बढ़ता खतरा (फोटो सोर्स: AI Image@Gemini)

Type 5 Diabetes : क्या आपने कभी सोचा है कि कम खाना या कुपोषण भी आपको डायबिटीज का शिकार बना सकता है? आप सही पढ़ रहे हैं। आमतौर पर हम डायबिटीज को गलत खानपान और लाइफस्टाइल से जोड़कर देखते हैं, लेकिन अब एक नए प्रकार की डायबिटीज सामने आई है, जिसका सीधा संबंध बचपन के कुपोषण से है। इसे टाइप 5 डायबिटीज (Type 5 Diabetes) का नाम दिया गया है, और यह हमारी सोच से कहीं ज्यादा गंभीर और व्यापक हो सकती है खासकर भारत जैसे देश के लिए।

Type 5 Diabetes : क्या है यह नई चुनौती?

साल 2017 में, इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन ने टाइप 5 डायबिटीज (Type 5 Diabetes) को एक अलग श्रेणी के रूप में मान्यता दी। यह तमिलनाडु में हुए शोध का नतीजा था, जिसने साबित किया कि कुपोषण और अविकसित अग्नाशय (pancreas) के कारण भी डायबिटीज हो सकती है। इसे लीन डायबिटीज भी कहते हैं क्योंकि इसमें व्यक्ति का वजन अक्सर कम होता है, जबकि उसका ब्लड शुगर सामान्य रहता है।

जहां टाइप 1 डायबिटीज ऑटोइम्यून बीमारी है और टाइप 2 लाइफ स्टाइल से जुड़ी है वहीं टाइप 5 का कारण बचपन का कुपोषण है। इसका मतलब है कि अगर बचपन में बच्चों को पर्याप्त पोषण न मिले तो उनका अग्नाशय ठीक से विकसित नहीं हो पाता जिससे आगे चलकर डायबिटीज की समस्या खड़ी हो सकती है।

लक्षण और उपचार: कुछ अनसुलझे सवाल

टाइप 5 डायबिटीज (Type 5 Diabetes) में अक्सर कम वजन भूख न लगना जैसे लक्षण दिखते हैं। इसका इलाज अभी भी तय नहीं है लेकिन राहत की बात यह है कि 90% से ज्यादा मरीजों को इंसुलिन की जरूरत नहीं पड़ती। उन्हें हाई-कैलोरी और हाई-प्रोटीन वाला आहार दिया जाता है। यह उन आम धारणाओं के विपरीत है जहां डायबिटीज के मरीजों को मीठा और कार्ब्स से बचने की सलाह दी जाती है।

भारत के लिए क्यों है चिंता का विषय?

दुनियाभर में लगभग 10 करोड़ लोग टाइप 5 डायबिटीज (Type 5 Diabetes) से प्रभावित हैं और इनमें से ज्यादातर लोग उन क्षेत्रों में रहते हैं जहां संसाधनों की कमी है। भारत में लगभग 10 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं और चिंता की बात यह है कि इनमें से कई मामले खासकर ग्रामीण या कम सुविधा वाले क्षेत्रों में टाइप 5 डायबिटीज (Type 5 Diabetes) के हो सकते हैं जिन्हें अक्सर टाइप 1 या टाइप 2 समझ लिया जाता है।

यह आंकड़ा हमें सोचने पर मजबूर करता है। अगर बचपन के कुपोषण को रोका जा सके तो क्या हम डायबिटीज के इस नए खतरे को कम कर सकते हैं? बच्चों को सही पोषण देना विशेषकर उनके शुरुआती विकास के वर्षों में इस गंभीर बीमारी से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

डायबिटीज के प्रकार

प्रकारकारणशुरुआतमुख्य उपचार
टाइप 1ऑटोइम्यून (स्व-प्रतिरक्षित)किसी भी उम्र मेंजीवन भर इंसुलिन
टाइप 2जीवनशैली, आनुवंशिकीवयस्क (पर अब युवाओं में भी बढ़ रहा है)दवाएँ + जीवनशैली में बदलाव
जेस्टेशनलगर्भावस्था के हार्मोनगर्भवती महिलाएंआहार, इंसुलिन
टाइप 5बचपन का कुपोषणजीवन के शुरुआती वर्षों मेंअभी भी विकासशील अवस्था में (निश्चित उपचार नहीं)

अन्य दुर्लभ प्रकार की डायबिटीज भी जानें

दुनिया में डायबिटीज के कुछ और भी दुर्लभ प्रकार हैं, जिनके बारे में जानना जरूरी है:

नियॉनैटल डायबिटीज (Neonatal Diabetes): यह शिशुओं में होती है और अक्सर गोलियों से इलाज योग्य होती है।

सिस्टिक फाइब्रोसिस-संबंधित डायबिटीज (Cystic Fibrosis-related Diabetes): यह सिस्टिक फाइब्रोसिस से पीड़ित लगभग 33% मरीजों को प्रभावित करती है।

मोडी (MODY - Maturity Onset Diabetes of the Young): यह आनुवंशिक होती है और इंसुलिन-संवेदनशीलता या अग्नाशय के विकास को प्रभावित करती है।

टाइप 3C डायबिटीज (Type 3C Diabetes): यह अग्नाशय को हुए नुकसान के कारण होती है जैसे कैंसर या अग्नाशयशोथ (pancreatitis) के बाद।

डायबिटीज केवल खानपान या लाइफ स्टाइल का ही नतीजा नहीं है बल्कि इसके कई और पहलू भी हैं। टाइप 5 डायबिटीज पर और शोध की आवश्यकता है ताकि इसका बेहतर इलाज और रोकथाम संभव हो सके।

हम सभी को इस नई चुनौती के बारे में जागरूक होना चाहिए और बचपन के कुपोषण को रोकने की दिशा में काम करना चाहिए। आखिर स्वस्थ बचपन ही स्वस्थ भविष्य की नींव है।