mRNA vaccine side effects : ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने एक महत्वपूर्ण खोज की है, जिससे यह समझा जा सका है कि एमआरएनए वैक्सीन सिरदर्द और बुखार जैसे साइड इफेक्ट्स क्यों उत्पन्न करते हैं।
Side effects of mRNA vaccine : ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने एक महत्वपूर्ण खोज की है, जिससे यह समझा जा सका है कि एमआरएनए वैक्सीन (mRNA vaccine) क्यों सिरदर्द और बुखार जैसे साइड इफेक्ट्स उत्पन्न करते हैं। यह शोध एमआरएनए वैक्सीन की प्रभावशीलता को बढ़ाने में मददगार साबित हो सकता है।
मेलबर्न के पीटर डोहर्टी इंस्टीट्यूट फॉर इन्फेक्शन एंड इम्युनिटी और आरएमआईटी विश्वविद्यालय द्वारा किए गए इस शोध में, पहली बार यह विस्तार से अध्ययन किया गया कि मैसेंजर राइबोन्यूक्लिक एसिड (एमआरएनए) वैक्सीन मानव रक्तप्रवाह में किस प्रकार से प्रवाहित होती है और टूटती है।
शोध में पाया गया कि एमआरएनए वैक्सीन (mRNA vaccine) का उद्देश्य लिम्फ नोड्स में रहकर एंटीबॉडीज का उत्पादन करना है ताकि संक्रमण से लड़ा जा सके। हालांकि, 19 व्यक्तियों के 156 रक्त नमूनों के विश्लेषण से यह सामने आया कि वैक्सीन का एक बहुत ही छोटा हिस्सा रक्तप्रवाह में पहुंच जाता है।
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आरएमआईटी विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ साइंस से जुड़े शोधकर्ता यी जू के अनुसार, "कुछ व्यक्तियों में रक्त में वैक्सीन की उपस्थिति अलग-अलग हो सकती है, और यह साइड इफेक्ट्स जैसे बुखार, सिरदर्द और थकान का कारण बन सकता है।"
शोध के अनुसार, यह अंतर वैक्सीन की प्रतिक्रिया में भिन्नता का कारण बनता है, जो शरीर में सूजन पैदा कर सकता है और इन साइड इफेक्ट्स को उत्पन्न कर सकता है।
एमआरएनए वैक्सीन (mRNA vaccine) 2020 में पहली बार कोविड-19 के लिए स्वीकृत की गई थी। यह पारंपरिक कमजोर वायरस वाली वैक्सीनों से भिन्न होती है, क्योंकि इसमें जेनेटिक निर्देशों का उपयोग किया जाता है, जो शरीर को एक प्रोटीन का उत्पादन करने के लिए प्रेरित करता है, जो प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को ट्रिगर करता है।
वैज्ञानिकों ने एमआरएनए वैक्सीन (mRNA vaccine) तकनीक का उपयोग अन्य बीमारियों जैसे कैंसर के लिए टीके और चिकित्सा उपचार विकसित करने के लिए भी किया है।
इस नए शोध के लेखक मानते हैं कि यह खोज एमआरएनए वैक्सीन (mRNA vaccine) को अधिक सुरक्षित और प्रभावी बनाने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है।