Norovirus symptoms: अचानक उल्टी और पानी जैसे दस्त नॉरोवायरस का संकेत हो सकते हैं। जानिए इसके लक्षण, खतरे, इलाज और बचाव के तरीके डॉक्टर की सलाह के साथ।
Norovirus symptoms: अगर अचानक तेज उल्टी और पानी जैसे दस्त शुरू हो जाएं, तो इसे हल्के में लेना खतरनाक साबित हो सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ऐसे लक्षण नॉरोवायरस संक्रमण की ओर इशारा कर सकते हैं। यह एक बेहद संक्रामक वायरस है, जो सीधे पेट और आंतों पर हमला करता है और बहुत तेजी से एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है। अक्सर लोग इसे Stomach Flu कहकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन डॉक्टर साफ कहते हैं कि इसका फ्लू या इन्फ्लुएंजा वायरस से कोई संबंध नहीं है।
नॉरोवायरस दुनिया में पेट से जुड़ी बीमारियों और फूड पॉइजनिंग का एक बड़ा कारण माना जाता है। इसका पहला बड़ा प्रकोप 1968 में अमेरिका के नॉरवॉक शहर में सामने आया था, इसलिए पहले इसे नॉरवॉक वायरस कहा जाता था। आज यह वायरस स्कूल, हॉस्टल, अस्पताल, क्रूज शिप और भीड़भाड़ वाली जगहों पर तेजी से फैलता है।
आंकड़ों के मुताबिक, हर साल दुनियाभर में करीब 68.5 करोड़ नॉरोवायरस संक्रमण के मामले सामने आते हैं। इनमें से 20 करोड़ से ज्यादा बच्चे होते हैं। ठंड के मौसम में यह वायरस ज्यादा एक्टिव होता है और नवंबर से अप्रैल के बीच इसके केस तेजी से बढ़ते हैं।
डॉ. आदित्य सोनी, वरिष्ठ चिकित्सक के अनुसार, नॉरोवायरस की सबसे खतरनाक बात यह है कि इसके लक्षण अचानक और बहुत तेजी से शुरू होते हैं। इसके मुख्य लक्षण में अचानक तेज मतली, बार-बार उल्टी, पानी जैसे लगातार दस्त, पेट में तेज ऐंठन और दर्द शामिल है। इसके अन्य लक्षण में हल्का या तेज बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द, अत्यधिक कमजोरी और थकान शामिल है। डॉ. सोनी बताते हैं कि वायरस के संपर्क में आने के 12 से 48 घंटे के अंदर लक्षण दिखने लगते हैं और आमतौर पर 1 से 3 दिन तक बने रहते हैं। बच्चों और बुजुर्गों में लक्षण ज्यादा गंभीर हो सकते हैं।
यह वायरस बेहद संक्रामक होता है और इन तरीकों से फैल सकता है:
खासतौर पर तब फैलता है जब कोई संक्रमित व्यक्ति खाना बनाता या परोसता है। कुछ समुद्री भोजन, जैसे ऑयस्टर, प्राकृतिक रूप से भी इससे संक्रमित हो सकते हैं।
ज्यादातर लोग कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं, लेकिन सबसे बड़ा खतरा होता है डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी और मिनरल्स की भारी कमी। डिहाइड्रेशन के संकेत पेशाब कम होना, मुंह सूखना, चक्कर आना, बहुत ज्यादा कमजोरी, बच्चों में सुस्ती, बिना आंसू के रोना शामिल है।
नॉरोवायरस के लिए कोई खास दवा या वैक्सीन नहीं है। इलाज का फोकस लक्षणों को संभालने पर होता है:
इससे बचने के लिए आप साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोएं। खाना अच्छी तरह पकाकर खाएं। गंदी सतहों को साफ रखें। साथ ही बीमार व्यक्ति से दूरी बनाएं रखें। ध्यान रखें, हैंड सैनिटाइजर नॉरोवायरस पर ज्यादा असरदार नहीं होता, इसलिए हाथ धोना सबसे जरूरी है। नॉरोवायरस के कई प्रकार होते हैं, इसलिए एक बार संक्रमण हो जाने के बाद भी व्यक्ति दोबारा इसकी चपेट में आ सकता है।