Oversleeping Effects: नींद लेना सेहत के लिए जरूरी है, लेकिन अधिक सोना भी स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। नई स्टडी में समय पर यह बात सामने आई है।अगर आपकी नींद की आदतों में अचानक बदलाव आता है या आप दिनभर सुस्ती महसूस करते हैं, तो इसे हल्के में न लें।
Oversleeping Effects:नींद को लेकर हम अक्सर सुनते हैं कि ज्यादा सोना शरीर के लिए अच्छा होता है, लेकिन हाल ही में आई एक रिसर्च ने इस सोच पर सवाल खड़े कर दिए हैं। University of Oklahoma की एक नई स्टडी में दावा किया गया है कि अगर आप रोज 9 घंटे से ज्यादा सोते हैं, तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी हो सकती है। यह आदत न सिर्फ गंभीर बीमारियों की ओर इशारा कर सकती है, बल्कि समय से पहले मृत्यु का खतरा भी बढ़ा सकती है। आइये जानते हैं स्टडी में बताई गई जरूरी जानकारी।
यह स्टडी 79 अलग-अलग रिसर्चों के डेटा पर आधारित थी, जिसमें एक साल या उससे ज्यादा समय तक लोगों की नींद की आदतों का विश्लेषण किया गया। स्टडी का मकसद यह समझना था कि नींद की अवधि और मृत्यु दर या गंभीर बीमारियों के बीच क्या संबंध है। जो लोग रोज़ाना 7 से 8 घंटे सोते हैं, उनकी सेहत तुलनात्मक रूप से बेहतर पाई गई। 7 घंटे से कम सोने वालों में मृत्यु का खतरा 14% ज्यादा पाया गया, जबकि 9 घंटे से ज्यादा सोने वालों में यह खतरा 34% तक बढ़ गया।
रिसर्च में यह भी पाया गया कि लंबे समय तक जरूरत से ज्यादा सोने वाले लोगों में कई स्वास्थ्य समस्याएं देखने को मिल सकती हैं।
-डिप्रेशन और क्रॉनिक थकान
-वजन बढ़ना और मेटाबॉलिज्म संबंधी दिक्कतें
-मूड स्विंग्स और काम में एकाग्रता की कमी
हालांकि शोधकर्ताओं का कहना है कि ज्यादा सोना इन बीमारियों का कारण नहीं है, बल्कि यह इन समस्याओं का एक संकेत हो सकता है। यानी कि अगर आप बिना किसी वजह के बहुत ज्यादा सो रहे हैं, तो यह शरीर की तरफ से चेतावनी हो सकती है कि कहीं कुछ गड़बड़ है।
पिछले शोधों के आधार पर, यह अध्ययन 2018 के उन निष्कर्षों के साथ मेल खाता है जिन्होंने 74 पूर्व अध्ययन के डेटा का विश्लेषण किया था, जिनमें प्रतिभागियों की नींद और स्वास्थ्य को समय के साथ ट्रैक किया गया था। अध्ययन के प्रमुख लेखक डॉ. चुं शिंग क्वोक ने कहा कि इस शोध का सार्वजनिक स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव है और अधिक नींद लेना हृदय संबंधी जोखिम के बढ़ने का संकेत हो सकता है।
कम नींद लेना सिर्फ थकान या चिड़चिड़ेपन का कारण नहीं बनता, बल्कि यह दिल की सेहत पर भी गंभीर असर डालता है। जब हम रोजाना पर्याप्त नींद नहीं लेते, तो शरीर में तनाव का स्तर बढ़ जाता है, जिससे ब्लड प्रेशर और हृदय की धड़कन असामान्य हो सकती है। यह स्थिति धीरे-धीरे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा सकती है। यूनिवर्सिटी उप्साला के शोधों से भी यह साबित हुआ है कि जो लोग लगातार 6 घंटे से कम नींद लेते हैं, उनमें दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा अधिक होता है। इसलिए एक स्वस्थ दिल और लंबी उम्र के लिए रोजाना 7 से 8 घंटे की अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी है।
नींद की जरूरत उम्र के अनुसार बदलती है। टीनेजर्स को 8-10 घंटे, वयस्कों और बुजुर्गों को 7-9 घंटे नींद चाहिए। साथ ही नींद की गुणवत्ता और नियमितता भी जरूरी है, ताकि सुबह ताजगी महसूस हो और पूरा दिन ऊर्जा बनी रहे।
अगर आप रोज 9 घंटे से ज्यादा सोते हैं और फिर भी थकान महसूस करते हैं, तो यह सामान्य नहीं है। ऐसे में डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी हो जाता है। ज्यादा नींद लेना कई बार शरीर में चल रही किसी अंदरूनी बीमारी का संकेत हो सकता है, जैसे कि थायरॉइड, डिप्रेशन, नींद से जुड़ी बीमारियां (जैसे स्लीप एपनिया) या अन्य क्रॉनिक बीमारी।