Mandatory HIV Test Before Marriage : मेघालय में बढ़ता HIV/AIDS का संकट अब एक गंभीर समस्या बन चूका है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री माजेल एम्पारिन लिंगदोह ने शादी से पहले HIV/AIDS टेस्ट अनिवार्य करने का संकेत दिया।
HIV Test Before Marriage : मेघालय का नाम आते ही मन में एक प्राकर्तिक सुंदरता तैरने लगती है यह एक ऐसा राज्य जिसकी खूबसूरती अपनी हरियाली और पहाड़ों के लिए जानी जाती है। लेकिन ये सुंदर राज्य आज एक और गंभीर समस्या से जूझ रहा है। यह समस्या है HIV/AIDS का बढ़ता हुआ संकट जिसने विशेष रूप से जयंतिया हिल्स के जिलों को बुरी तरह अपनी गिरफ्त में ले लिया है। हाल ही में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री माजेल एम्पारिन लिंगदोह ने एक बड़ा बयान दिया, जिसमें उन्होंने गोवा की तर्ज पर शादी से पहले HIV/AIDS टेस्ट अनिवार्य करने का संकेत दिया। यह फैसला सिर्फ एक स्वास्थ्य समस्या का हल नहीं है बल्कि इसके पीछे मानवाधिकार, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और सामाजिक भेदभाव जैसे कई पहलू भी शामिल हैं।
ये भी पढ़ें
आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार, पश्चिम और पूर्वी जयंतिया हिल्स में HIV/AIDS अब सिर्फ एक खतरा नहीं बल्कि एक पूर्ण संकट बन गया है। मेघालय में कुल लगभग 5000 मामलों में से आधे से ज्यादा इसी क्षेत्र से हैं। यह आंकड़ा बेहद चौंकाने वाला है और इस बात का संकेत देता है कि जागरूकता और रोकथाम के प्रयास पर्याप्त नहीं हैं।
इसी को ध्यान में रखते हुए अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस पर थॉमस जोन्स सिनोड कॉलेज में एक गहन ICE (Intensified Campaign for Eradication) अभियान शुरू किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य युवाओं को जागरूक करना और HIV/AIDS के प्रति फैले सामाजिक कलंक को मिटाना है।
जिला एकीकृत रणनीति (District Integrated Strategy) के क्लस्टर प्रोग्राम मैनेजर, सैंडी तारियांग के अनुसार, आज सामाजिक भेदभाव और कलंक इस बीमारी से भी ज्यादा खतरनाक हो गए हैं। लोग इस डर से टेस्ट करवाने या इलाज लेने से कतराते हैं कि कहीं समाज उन्हें बहिष्कृत न कर दे। इसी मुद्दे पर जोर देते हुए सहायक आयुक्त, एमेलिया मोमिन ने कहा, HIV से पीड़ित व्यक्ति भी सबसे पहले एक इंसान है जिसे सम्मान, दया और समर्थन की आवश्यकता है।
यह अभियान अगले ढाई महीनों तक लगभग 150 गांवों तक पहुंचेगा। इसके तहत रैलियां, पारंपरिक खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी को दूर किया जा सके। इसमें छात्रों को भी सूचना के राजदूत के रूप में शामिल किया जा रहा है जो सही जानकारी को अपने समाज में फैला सकें।
| विवरण | डेटा | टिप्पणी |
| मेघालय में HIV प्रसार दर (2021) | 0.42% | 15 से 49 वर्ष की आयु वर्ग में |
| अखिल भारतीय HIV औसत दर (2021) | 0.21% | मेघालय की दर राष्ट्रीय औसत से दोगुनी है |
| मेघालय में HIV प्रसार दर (2019) | 0.76% | उस समय मिजोरम (1.19%) के बाद तीसरे स्थान पर था |
| संक्रमितों की संख्या में वृद्धि (पिछले 19 वर्षों में) | 221.1% | राज्य में संक्रमण में भारी वृद्धि को दर्शाता है |
| मेघालय में कुल संक्रमित लोगों की अनुमानित संख्या | ~8692 |
सबसे चिंताजनक बात यह है कि लगभग 15-17% मरीज उपचार को बीच में ही छोड़ देते हैं। पूर्वी खासी हिल्स में 3,432 लोगों में से केवल 1581 ही एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी (ART) ले रहे हैं। उपचार छोड़ने से कम से कम 159 लोगों की मौत हो चुकी है।
मेघालय में अनिवार्य HIV टेस्ट का प्रस्ताव एक महत्वपूर्ण सवाल उठाता है: क्या यह सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक आवश्यक कदम है या मानवाधिकारों का उल्लंघन? इस तरह के कानून से भले ही संक्रमण की रोकथाम में मदद मिल सकती है लेकिन इससे HIV से ग्रस्त लोगों के प्रति भेदभाव और उनके सम्मान को ठेस पहुंचने का खतरा भी है।
आज जरूरत इस बात की है कि उपचार को सुलभ और गोपनीय बनाया जाए साथ ही सामाजिक जागरूकता के अभियानों को और तेज किया जाए। लोगों को यह समझना होगा कि HIV के साथ जीना संभव है अगर सही समय पर और लगातार उपचार लिया जाए। केवल कानून बना देने से समस्या हल नहीं होगी जब तक समाज में लोगों की सोच नहीं बदलती और कलंक का डर खत्म नहीं होता। यह एक ऐसी लड़ाई है जिसमें सरकार, समाज और व्यक्ति, हम सभी को मिलकर काम करना होगा।
ये भी पढ़ें