6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Heart Transplant : अंग दान का सच, क्या हैं भ्रांतियां और क्या है सच्चाई, जानें डॉक्टर से

Myths and truth About Organ Donation : 24 वर्षीय संजय, जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित, तीन उपयुक्त डोनर मिलने के बावजूद परिजनों की असहमति के कारण हार्ट ट्रांसप्लांट नहीं करा सके और इंतजार में ही चल बसे। कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. हेमंत चतुर्वेदी से जानिए अंग दान का सच।

5 min read
Google source verification

भारत

image

Manoj Vashisth

Aug 14, 2025

Heart Transplant and Organ Donation

Heart Transplant and Organ Donation (फोटो सोर्स : Freepik)

Heart Transplant : 24 वर्ष के संजय जी की जन्मजात हार्ट की बीमारी से पीड़ित है जिसे आए दिन हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ता है। उसे एक हार्ट के डोनर की आवश्यकता थी परंतु उसके ब्लड ग्रुप को मैच करते हुए 3 डोनर के हार्ट उसे नहीं मिल पाए क्योंकि उनके परिवारजनों व रिश्तेदारों ने मना कर दिया। अंततः वो इस बीमारी से जूझते हुए हार्ट ट्रांसप्लांट का इंतजार करते हुए चल बसा…..

ये कोई काल्पनिक कहानी नहीं है। यह एक कटु सत्य है आज के आधुनिक समाज का जिसमे हर बात मॉडर्न हो चुकी है पहनावा ,खान पान, 5G फोन, लेटेस्ट गैजेट्स, महंगी गाड़िया आलीशान घर, सुख सुविधाएं पर आज भी सोच वही पुरानी ही है।

एक अनुमान के मुताबिक 2030 तक भारत मे कार्डियो वैस्कुलर डिजीज के कारण होने वाली मौत कुल मौतों की लगभग 1/3 हो जाएगी। हर 17 मिनट में एक व्यक्ति ऑर्गन ट्रांसप्लांट के इंतजार में अपना दम तोड़ देता है। हर 11 मिनट में एक व्यक्ति ट्रांसप्लांट की वेटिंग लिस्ट में जुड़ जाता है।

डॉक्टर से जानें हार्ट ट्रांसप्लांट और अंग दान का पूरा सच (Heart Transplant and Organ Donation)

हार्ट डोनर की कमी का एक सबसे प्रमुख कारण ऑर्गन डोनेशन यानी अंग दान के बारे में फैली हुई भ्रांतियां,अफवाहें व कुछ भ्रम है। साथ ही उस दुख और शोक की स्थिति में परिजनों से जो कि इस बारे में जागरुक नही होते, उनसे अंग दान के बारे में बात करना, यह एक काफी कठिन काम होता है। इन्हीं कुछ भ्रमों व भ्रांतियों को यहां हम सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. हेमंत चतुर्वेदी से समझने का प्रयास करेंगे और सच्चाई क्या है उससे आप सभी को जागरूक करेंगे।

1. भ्रम: हमारे समाज मे अंग दान की कोई जरूरत नही है।

तथ्य: एक अनुमान के मुताबिक हमारे देश में प्रतिदिन 300 लोग ऑर्गन फैलियर के कारण मर जाते हैं। एक साल मे लगभग 10 मिलियन मृत्यु में से लगभग 1 लाख संभावित डोनर हो सकते हैं पर असलियत ये है कि केवल 200 ही डोनर मिल पाते हैं । एक ही समय पर हमारे देश के किसी भी बड़े शहर के सभी ICU में 8-10 ब्रेन डेड मरीज जो कि संभावित डोनर हो सकते हैं भर्ती होते हैं। इनमे से असल मे अंग दान करने के लिए काफी कम लोग राजी होते हैं। इन आंकड़ों से समझ सकते हैं कि अंग दान की हमारे समाज को कितनी ज्यादा जरूरत है।

2. भ्रम: मृत्यु होने का मतलब है कि हार्ट का धड़कना बंद हो जाना। अगर मरीज की हार्ट की धड़कन चल रही है तो वो मरा नही है जिंदा है। ऐसे में अंग दान कैसे कर दें?

तथ्य: दुनिया के सभी धर्मों में से एक भी धर्म में अंग दान को गलत नही बताया गया है। एक इंसान अपने मरने के बाद भी अगर कुछ और लोगो को जिंदगी दे जाए इससे पवित्र काम और कुछ हो ही नही सकता। दरअसल हर धर्म मे अंग दान जैसे महान काम को बढ़ावा दिया गया है और इसे इंसानियत बताया गया है।

3. भ्रम: हमारा धर्म अंग दान की इजाजत नही देता।

तथ्य: दुनिया के सभी धर्मों में से एक भी धर्म मे अंग दान को गलत नही बताया गया है। एक इंसान अपने मरने के बाद भी अगर कुछ और लोगो को जिंदगी दे जाए इससे पवित्र काम और कुछ हो ही नही सकता। दरअसल हर धर्म मे अंग दान जैसे महान काम को बढ़ावा दिया गया है और इसे इंसानियत बताया गया है।

4. भ्रम: अगर आप अंग दान के लिए राजी हो जाते हैं तो आपकी फॅमिली से अंग दान की प्रक्रियाओं के लिए पैसा लिया जाएगा।

तथ्य: ये बिल्कुल गलत है। अंग दान की प्रोसेस मे डॉनर की फैमिली से किसी तरह का कोई चार्ज नही लिया जाता।

5. भ्रम : अंग दान के दौरान शरीर को क्षत विक्षत कर दिया जाता है जिससे उसके अंतिम संस्कार में परेशानी हो जाती है।

तथ्य: डॉनर के शरीर से अंगो को निकालने का काम विशेष रूप से प्रशिक्षित सर्जन द्वारा किया जाता है। शरीर के बाहरी स्वरूप में किसी तरह का कोई बदलाव नही आता। जिससे अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में कोई परेशानी नही आती।

6. भ्रम: अगर आप ऑर्गन रेसिपीएंट की लिस्ट में हैं तो आपको सोशल स्टैट्स व अमीर होना महत्वपूर्ण हो जायेगा।

तथ्य: आपकी बीमारी कितनी गंभीर है आपका ब्लड ग्रुप क्या है एवं अन्य जरूरी मेडिकल इन्वेस्टिगेशन सिर्फ ये ही वो जरूरी बातें है जो महत्वपूर्ण है। आपका सोशल स्टैट्स , आपके अमीरी गरीबी इसमे कोइ महत्व नही रखती।

7. भ्रम: एक इंसान के अंगदान से कुछ खास फर्क नहीं पड़ता।

तथ्य: ऐसा नही है। एक इंसान के अंग दान से 8 लोगों को नई जिंदगी दी जा सकती है ।

8. भ्रम: अंग दान अपनी मन मर्जी से हॉस्पिटल या डॉक्टर अपने मिलने वालों या रिश्तेदारों को अंग दिलाने के लिए कराते हैं।

तथ्य: ऑर्गन डोनेशन के लिए बाकायदा एक सिस्टम है। हर राज्य में एक नोडल एजेंसी होती है जिसमें ऑनलाइन ऑर्गन रेसिपीएंट की वेटिंग लिस्ट अपडेट रहती है। उसी अनुसार मरीजों को ऑर्गन का अलॉटमेंट किया जाता है। यह एक पुर्णतया पारदर्शी प्रक्रिया है।

9. भ्रम : हमारे मरीज के शरीर से अंगों को निकाल कर उन्हें बेचा जा सकता है।

तथ्य: ऑर्गन डोनेशन एक पवित्र कार्य है। अंगो का खरीदना या बेचान एक अपराध है जिसके लिए 7 वर्ष के कारावास का प्रावधान भी है।

10. हार्ट ट्रांसप्लांट की सफलता की दर काफी कम है इसलिए अंग दान से कोई खास फायदा नही है।

तथ्य: आज के आधुनिक युग में जबकि काफी नई तकनीक वाली मशीनरी उपलब्ध हैं और साथ ही विशेषज्ञ सर्जन की दक्षता के कारण 90% तक सफलता दर हार्ट ट्रांसप्लांट में पाई जा चुकी है। इसलिए हार्ट ट्रांसप्लांट एक बेहद सफल आपरेशन है।

11. भ्रम: अगर मैं ऑर्गन डोनेशन की शपथ लेता हूं एवं फॉर्म पर हस्ताक्षर करता हूं तो मेरे बेहोश होने या कोमा में चले जाने पर डॉक्टर मेरे अंगों को निकाल सकते हैन ।

तथ्य: अंगदान एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। केवल ब्रेन डेड मरीज का ही अंग दान किया जा सकता है। विशेषज्ञ डॉक्टर का एक पैनल ये सत्यापित करता है कि मरीज ब्रेन डेड है कि नही। उसके बाद मरीज के परिजनों की सहमति से ही ऑर्गन डोनेशन की प्रक्रिया शुरू की जाती है।

12. मुझे हाइपरटेंशन व डायबिटीज है मैं अंग दान कैसे कर सकता हूं?

तथ्य: अगर आप हाइपरटेंशन या डायबिटीज से ग्रस्त है तब भी आप अपने अंगो का दान कर सकते हैं। ऑर्गन ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया के दौरान डॉक्टरों की टीम आपके अंगों का चेकअप करते हैं एवं स्वस्थ कार्यशील अंगो को ही उपयोग में लाया जाता है।

हम सभी लोगो को न केवल खुद को हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए जागरूक होना पड़ेगा बल्कि अपने आस पास सभी को इस के बारे में बताना होगा। जानकारी का कितना महत्व होता है ये इस बात से पता लगाया जा सकता है कि दक्षिण भारत मे हार्ट ट्रांसप्लांट काफी अधिक संख्या में होने लग गए हैं जबकि हमारे राजस्थान जैसे इतने बड़े राज्य में जागरूकता के अभाव में अभी तक सिर्फ 9-10 हार्ट ट्रांसप्लांट ही हो पाए हैं । ये जरूरी है कि मीडिया के माध्यम से कैम्प लगाकर, पोस्टर के माध्यम से , टेलीविजन चैनल के जरिये इस जागरूकता को बढाया जाए।

डॉ हेमंत चतुर्वेदी
सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट
फेलो अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी