Rishabh Tandon heart attack : गायक और अभिनेता ऋषभ टंडन उर्फ फकीर का दिल्ली में हार्ट अटैक से निधन। दिवाली पर परिवार से मिलने आए थे, अंतिम संस्कार आज दिल्ली में होगा।
Rishabh Tandon Heart Attack News : गायक और अभिनेता ऋषभ टंडन का दिल्ली में अचानक दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। जिन्हें लोग फकीर के नाम से जानते थे। पपराज़ो विरल भयानी के मुताबिक, ऋषभ अपने परिवार से मिलने दिल्ली आए थे तभी उन्हें हार्ट अटैक आया । उनके एक करीबी दोस्त ने बताया कि यह सब बहुत अचानक हुआ, और अब उनके दोस्त, परिवार और चाहने वाले गहरे सदमे में हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऋषभ टंडन अपनी पत्नी ओलेस्या के साथ मुंबई में रहते थे। ओलेस्या उज्बेकिस्तान की हैं। दिवाली मनाने के लिए वो अपने परिवार से मिलने दिल्ली आए थे, लेकिन सुबह उन्हें अचानक हार्ट अटैक आ गया। उनका अंतिम संस्कार आज दिल्ली में किया जाएगा।
ऋषभ टंडन मुंबई के एक फेमस सिंगर, संगीतकार और अभिनेता थे। जैसा कि उनके बायो में बताया गया है वे एक आस्तिक व्यक्ति थे और शिव की शक्तियों से ओतप्रोत थे। ऋषभ ने फक़ीर - लिविंग लिमिटलेस और रश्ना: द रे ऑफ़ लाइट जैसी परियोजनाओं में अभिनय किया था।
खराब लाइफस्टाइल: आजकल की भागदौड़ भरी लाइफ में टेंशन, नींद की कमी, जंक फूड और एक्सरसाइज की कमी बहुत आम हो गई है। ये सारी चीजें दिल की सेहत पर सीधा असर डालती हैं।
छिपी हुई बीमारियां: कई बार दिल में पहले से कुछ दिक्कतें होती हैं, लेकिन हमें पता नहीं चलता-जैसे दिल की नसों का ब्लॉक होना (कोरोनरी आर्टरी डिजीज), दिल की मांसपेशियों का कमजोर होना, या जन्म से मौजूद दिल की बीमारियां।
स्ट्रेस और मानसिक दबाव: आज के युवाओं पर करियर, पढ़ाई और समाज का दबाव बहुत ज्यादा होता है। ये तनाव ब्लड प्रेशर और हार्मोन पर असर डालता है, जिससे दिल कमजोर पड़ने लगता है।
नशे की आदतें: सिगरेट, शराब या दूसरे नशे भी दिल की धड़कनें बिगाड़ सकते हैं और दिल के लिए बेहद नुकसानदेह होते हैं।
ऋषभ के पास कई ऐसे गाने थे जो अभी तक रिलीज नहीं हुए थे, और वो अपने अचानक निधन से पहले उन पर काम कर रहे थे। अपने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में उन्होंने एक कलाकार के तौर पर अपने सफर और अनुभवों के बारे में खुलकर बात की थी।
जब मैं बड़े कलाकारों को ये कहते सुनता था कि उन्हें ऊंची ऊर्जा या किसी दिव्य ताकत से जुड़ाव महसूस होता है, तो मुझे ये बात थोड़ी अजीब लगती थी।
लेकिन जब मैंने खुद मंच पर वो एहसास किया, तो समझ आया कि वो क्या कहना चाहते थे।
अब मुझे एहसास होता है कि ये सिर्फ मैं नहीं हूं, बल्कि कोई ऊंची ऊर्जा है जो एक कलाकार के जरिए काम करती है। कला, सृजन और उस शक्ति का मिलन… जो हमें मंच पर अपनी पूरी रूह से पेश होने पर मजबूर कर देता है।
एक अन्य पोस्ट में वे कहते हैं, मेरे द्वारा व्यक्त किए गए प्रत्येक गीत में उस दर्द का एक अंश है जिसे जीने का साहस मुझमें कभी नहीं था, फिर भी संगीत से बाहर होना कोई पलायन नहीं है, यह उस दुनिया के शोर से बचने का तरीका है जिसने कभी किसी की आवाज नहीं सुनी, यहां तक कि अपनी भी नहीं…"