Single Dose Dengue Vaccine : इस देश ने दुनिया का पहला सिंगल-डोज डेंगू वैक्सीन Butantan-DV को मंजूरी दी। 91.6% प्रभावी वैक्सीन कैसे बदलेगा वैश्विक डेंगू नियंत्रण? पढ़ें पूरी जानकारी।
Single Dose Dengue Vaccine : दुनिया भर में तेजी से बढ़ते डेंगू मामलों के बीच ब्राजील ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। बुधवार को ब्राजीलियन अथॉरिटीज ने दुनिया का सबसे पहला सिंगल-डोज डेंगू वैक्सीन मंजूर कर दिया है। इसे वैज्ञानिक जगत में एक बड़ी सफलता माना जा रहा है, क्योंकि अब सिर्फ एक डोज में डेंगू से सुरक्षा मिल सकेगी वो भी ऐसे समय में जब ग्लोबल टेम्परेचर बढ़ने के कारण डेंगू दुनिया भर में रिकॉर्ड तोड़ स्तर पर पहुंच चुका है।
ब्राजील की हेल्थ एजेंसी ANVISA ने साओ पाउलो के बुटान्टन इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित वैक्सीन Butantan-DV को मंजूरी दी है। यह वैक्सीन 12 से 59 वर्ष की उम्र के लोगों पर इस्तेमाल की जाएगी। अभी तक दुनिया में सिर्फ एक वैक्सीन (TAK-003) उपलब्ध थी, जिसे दो डोज में तीन महीने के अंतराल पर दिया जाता है। लेकिन Butantan-DV सिर्फ एक बार में असर दिखा सकता है, जिससे बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन तेजी से और आसानी से हो सकेगा।
इस वैक्सीन को तैयार करने में पूरे 8 साल लगे और यह ब्राजील के अलग-अलग हिस्सों में 16,000 से ज्यादा लोगों पर टेस्ट किया गया। क्लिनिकल ट्रायल में पाया गया कि यह वैक्सीन 91.6% तक गंभीर डेंगू से सुरक्षा देती है, जो किसी भी डेंगू वैक्सीन के लिए बेहद प्रभावशाली माना जाता है। बुटान्टन इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर एस्पर कैलस के शब्दों में डेंगू जिसने हमें दशकों से परेशान किया है, अब इसे हराने के लिए हमारे पास एक बेहद मजबूत हथियार है।
ग्लोबल वार्मिंग और बदलती जलवायु ने एडीज मच्छरों के फैलाव को बढ़ा दिया है। ये मच्छर अब यूरोप और अमेरिका के उन इलाकों में भी पहुंच चुके हैं, जहां डेंगू पहले कभी नहीं देखा गया था। 2024 में WHO के अनुसार दुनिया में 14.6 मिलियन डेंगू केस और करीब 12,000 मौतें दर्ज की गईं। यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। सबसे चौंकाने वाली बात इन मौतों में लगभग आधी सिर्फ ब्राजील में हुईं।
डेंगू को ब्रेकबोन फीवर इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसके लक्षणों में तेज बुखार, बदन दर्द, थकान और हड्डियों तक में दर्द शामिल है। गंभीर मामलों में यह खतरनाक डेंगू हैमरेजिक फीवर में बदल सकता है जो जानलेवा है।
ब्राजील सरकार ने चीनी कंपनी WuXi Biologics के साथ समझौता किया है। इसके तहत 2026 की दूसरी छमाही तक करीब 30 मिलियन (3 करोड़) डोज तैयार की जाएंगी ताकि बड़े स्तर पर टीकाकरण शुरू हो सके।