Oral cancer causes : भारत में मुंह का कैंसर तेजी से बाद रहा है। लेकिन इसकी बड़ी वजह धूम्रपान नहीं बल्कि अत्यधिक मीठे पेय पदार्थों का सेवन है। जो महिलाएं रोजाना कम से कम एक शुगर-स्वीटेंड ड्रिंक (मीठा पेय) पीती हैं, उनमें मुंह के कैंसर (Muh ka cancer) का खतरा लगभग 5 गुना बढ़ जाता है।
Oral cancer causes : वॉशिंगटन विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि जो महिलाएं रोज़ाना कम से कम एक शुगर-स्वीटेंड ड्रिंक (मीठा पेय) पीती हैं, उनमें मुंह के कैंसर (Muh ka cancer) का खतरा लगभग 5 गुना बढ़ जाता है। यह शोध "JAMA Otolaryngology-Head & Neck Surgery" में प्रकाशित हुआ है और स्वास्थ्य विशेषज्ञों को नए सिरे से सोचने पर मजबूर कर रहा है।
अतीत में, मुंह का कैंसर (Muh ka cancer) मुख्य रूप से तंबाकू, शराब और सुपारी के सेवन से जुड़ा माना जाता था और आमतौर पर बुजुर्ग पुरुषों में देखा जाता था। लेकिन अब, धूम्रपान करने वालों की संख्या घटने के बावजूद, यह बीमारी कम उम्र की महिलाओं में तेजी से बढ़ रही है, जो ना तो धूम्रपान करती हैं और ना ही शराब का सेवन करती हैं।
साल 2020 में, विश्वभर में 3,55,000 से अधिक नए मामले सामने आए, जिसमें से लगभग 1,77,000 मौतें इस बीमारी के कारण हुईं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह बीमारी अब गैर-धूम्रपान करने वाले लोगों में भी बढ़ रही है, खासकर युवा श्वेत महिलाओं में।
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वैज्ञानिकों का मानना है कि इस तेजी से बढ़ते खतरे के पीछे आहार एक प्रमुख भूमिका निभा सकता है। अभी तक मुंह के कैंसर (Oral cancer) के बढ़ते मामलों के पीछे एचपीवी संक्रमण (मानव पैपिलोमा वायरस) को जिम्मेदार माना जा रहा था, लेकिन हालिया अध्ययन में एचपीवी को इसकी वजह मानने से इनकार कर दिया गया है।
अध्ययन की प्रमुख लेखिका और वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन की असिस्टेंट प्रोफेसर, डॉ. ब्रिटनी बार्बर, ने कहा,
"हालांकि मुँह का कैंसर (Oral cancer) स्तन या कोलोन कैंसर की तुलना में कम आम है, फिर भी इसकी वार्षिक दर 4-4.3 प्रति 1,00,000 व्यक्तियों के बीच है। चिंता की बात यह है कि यह बीमारी अब गैर-धूम्रपान और गैर-शराब पीने वाली महिलाओं में भी बढ़ रही है।"
- रोज़ाना कम से कम एक मीठा पेय पीने वाली महिलाओं में 5 गुना अधिक जोखिम।
- यह खतरा धूम्रपान और शराब के सेवन से स्वतंत्र है।
- अब तक शुगर-स्वीटेंड ड्रिंक्स को आंत और कोलोन कैंसर से जोड़ा जाता था, लेकिन सिर और गर्दन के कैंसर से इसका संबंध पहली बार सामने आया है।
इस अध्ययन के बाद, विशेषज्ञ अब मीठे पेय पदार्थों के अधिक सेवन को लेकर चेतावनी दे रहे हैं। कोल्ड ड्रिंक्स, पैक्ड जूस और अन्य मीठे पेय सिर्फ मोटापा ही नहीं, बल्कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का कारण भी बन सकते हैं।
मीठे पेय पदार्थों का सेवन सीमित करें।
संतुलित आहार लें, जिसमें प्राकृतिक शर्करा और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ शामिल हों।
नियमित रूप से मुंह की सफाई करें और दंत चिकित्सक से सलाह लें।
अगर मुँह में कोई असामान्य परिवर्तन दिखे, जैसे छाले, सूजन या दर्द, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
यह नया शोध मीठे पेय पदार्थों के संभावित खतरों की ओर इशारा कर रहा है। यदि इनका अत्यधिक सेवन जारी रहता है, तो आने वाले समय में यह समस्या और भी विकराल रूप ले सकती है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और मीठे पेय पदार्थों से दूरी बनाकर इस खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।