Viral Pneumonia In Children: गर्मी और उमस वाले इस बदलते मौसम में सेहत पर सीधा असर पड़ रहा है। कभी तेज धूप, तो कभी अचानक बारिश । इस तरह के मौसम के उतार-चढ़ाव ने वायरल इंफेक्शन, फ्लू और अन्य बीमारियों को बढ़ा दिया है। ऐसे में विशेषज्ञ डॉक्टरों से जानिए इसके लक्षण, कारण और बचाव के उपाय।
Viral Pneumonia In Children: बदलता मौसम और वायरल संक्रमण बच्चों की सेहत पर बुरा असर डाल रहे हैं। हाल ही में छोटे बच्चों में निमोनिया और सूखी खांसी के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। कई मामलों में ये लक्षण कोरोना जैसे भी लग सकते हैं, जिससे अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि इन लक्षणों के पीछे असली कारण क्या हैं और किस तरह से बच्चों को सुरक्षित रखा जा सकता है। आइए, विशेषज्ञ डॉक्टरों से समझते हैं इसके लक्षण, कारण और बचाव के उपाय।
वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक गुप्ता का कहना है कि बच्चों में वायरल बुखार, सूखी खांसी, पीलिया और निमोनिया के मामले खास तौर पर बढ़े हैं। पीलिया के केस चिंताजनक हैं और सूखी खांसी से उबरने में बच्चों को 3 से 4 सप्ताह तक लग रहे हैं। डॉक्टर ने माता-पिता को सलाह दी है कि बच्चों के खानपान और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
एसएमएस अस्पताल के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ आचार्य डॉ. सी.एल. नवरत्न के अनुसार, तापमान में उतार-चढ़ाव और लगातार बदलते मौसम के कारण हर उम्र के मरीज वायरल संक्रमण, सर्दी-जुकाम, डायरिया और फ्लू जैसी समस्याओं से पीड़ित हो रहे हैं। एसएमएस, जेके लोन और जयपुरिया जैसे अस्पतालों की ओपीडी में अब रोज़ाना करीब 3,500 मरीज आ रहे हैं। हालांकि ज्यादातर मरीज 3 से 5 दिनों में ठीक हो रहे हैं।
डॉक्टरों के अनुसार, कुछ मामलों में कोरोना के हल्के लक्षण देखने को मिल रहे हैं, लेकिन घबराने की ज़रूरत नहीं है। वर्तमान में जो वैरिएंट सक्रिय है, वह गंभीर नहीं है। जांच उन्हीं लोगों को करानी चाहिए, जिनमें लक्षण स्पष्ट रूप से दिखें या डॉक्टर सलाह दें।
-साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, खासकर बच्चों के आसपास।
-बाहर निकलते समय मास्क पहनें और भीड़-भाड़ से बचें।
-दिनभर पर्याप्त पानी पिएं और बाहर की चीजों से बचें।
-घर का बना ताजा खाना खाएं और जंक फूड से दूरी बनाएं।
-बुखार या संक्रमण के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
-बिना डॉक्टर की सलाह के दवाइयां न लें।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।