World Breast Cancer Research Day: HPV वैक्सीन महिलाओं को सर्वाइकल, योनि और वल्वा कैंसर से बचाती है। यह इंजेक्शन 11–12 साल की उम्र में लगवाना सबसे असरदार होता है। जानिए HPV वैक्सीन की सही उम्र, डोज, फायदे और साइड इफेक्ट्स। वर्ल्ड ब्रेस्ट कैंसर रिसर्च डे पर पढ़ें पूरी जानकारी।
World Breast Cancer Research Day: आज वर्ल्ड ब्रेस्ट कैंसर रिसर्च डे है। यह हर साल 18 अगस्त को मनाया जाता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि महिलाओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा कितनी जरूरी है। सिर्फ ब्रेस्ट कैंसर ही नहीं, बल्कि गर्भाशय ग्रीवा (cervical cancer) भी महिलाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाला कैंसर है। इसका एक बड़ा कारण HPV यानी ह्यूमन पैपिलोमा वायरस है। लेकिन इससे बचाव के लिए अब वैक्सीन उपलब्ध है।
HPV एक आम वायरस है, जो मुख्य रूप से यौन संबंधों के जरिए फैलता है। इसके कई स्ट्रेन होते हैं। कुछ स्ट्रेन से जननांगों पर मस्से (Genital Warts) हो सकते हैं, जबकि कुछ स्ट्रेन लंबे समय तक शरीर में बने रहने पर सर्वाइकल, योनि, वल्वा, गले और एनल कैंसर तक का कारण बन सकते हैं।
HPV वैक्सीन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को इस वायरस से लड़ने के लिए तैयार करती है। यानी अगर भविष्य में शरीर को यह वायरस मिलता है तो इम्यून सिस्टम आसानी से इसे बाहर निकाल देता है। यह वैक्सीन Genital Warts और HPV से जुड़े ज्यादातर कैंसर से बचाव करती है।
CDC (सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल) के मुताबिक, 11 से 12 साल की उम्र वैक्सीन लगवाने का सही समय है। 9 साल की उम्र से भी यह वैक्सीन दी जा सकती है। अगर किसी कारण से कम उम्र में वैक्सीन नहीं लगी, तो 26 साल तक इसे लगवाया जा सकता है। 27 से 45 साल की उम्र वालों के लिए भी वैक्सीन उपलब्ध है, लेकिन इस उम्र में लगवाने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
15 साल से कम उम्र में शुरू करने पर 2 डोज काफी होते हैं। 15 से 26 साल की उम्र में वैक्सीन लेने वालों को 3 डोज लगते हैं।
HPV वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित मानी जाती है। बस हल्की सूजन, सिरदर्द या थकान जैसे मामूली लक्षण आ सकते हैं।