Worst Breakfast Foods For liver: लिवर शरीर का सबसे अहम डिटॉक्स ऑर्गन है, जो खून को साफ करने, पोषक तत्वों को स्टोर करने और पाचन को सही रखने का काम करता है। अगर सुबह-सुबह ही उस पर गलत खाने का बोझ डाल दिया जाए, तो लंबे समय में यह थक कर काम करना बंद कर सकता है।
Worst Breakfast Foods For liver: हम अक्सर नाश्ते में वही खाते हैं जो जल्दी और स्वादिष्ट लगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी यह आदत धीरे-धीरे लिवर को बीमार बना सकती है? लिवर शरीर का सबसे अहम डिटॉक्स ऑर्गन है, जो खून को साफ करने, पोषक तत्वों को स्टोर करने और पाचन को सही रखने का काम करता है। अगर सुबह-सुबह ही उस पर गलत खाने का बोझ डाल दिया जाए, तो लंबे समय में यह थक कर काम करना बंद कर सकता है। आइए जानते हैं वो 5 फूड्स जो नाश्ते में लिवर के लिए सबसे हानिकारक हैं।
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फ्रेंच फ्राइज, बर्गर या डीप-फ्राई पराठे ये सब नाश्ते में भले ही टेस्टी लगें, लेकिन इनमें मौजूद ज्यादा सैचुरेटेड फैट लिवर की कार्यक्षमता को धीमा कर देती है। बार-बार ऐसे खाने से सूजन और फैटी लिवर की समस्या बढ़ सकती है, जो आगे चलकर सिरोसिस तक पहुंच सकती है।
बाजार में मिलने वाले मीठे कॉर्नफ्लेक्स, पेस्ट्री या मीठे पेय नाश्ते में बिल्कुल सही नहीं हैं। ज्यादा शुगर लिवर को अतिरिक्त फैट बनाने पर मजबूर करती है, जिससे फैट लिवर डिजीज (MASLD) का खतरा बढ़ जाता है। शुगर को कभी-कभार की ट्रीट तक ही सीमित रखें।
आजकल नाश्ते के साथ या जिम से पहले कई लोग एनर्जी ड्रिंक पी लेते हैं। इनमें मौजूद ज्यादा कैफीन, नियासिन और आर्टिफिशियल स्वीटनर्स लिवर पर सीधे दबाव डालते हैं। कई रिसर्च में पाया गया है कि लंबे समय तक एनर्जी ड्रिंक्स लेने से युवा भी हेपेटाइटिस जैसी गंभीर बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।
कुछ लोग वीकेंड ब्रंच या पार्टी के नाम पर सुबह ही ड्रिंक कर लेते हैं, लेकिन अल्कोहल लिवर की सेहत के लिए सबसे बड़ा दुश्मन है। लगातार सेवन से सिरोसिस हो सकता है और अगर पहले से ही लिवर कमजोर है तो डॉक्टर इसे पूरी तरह छोड़ने की सलाह भी देते हैं।
बाजार में मिलने वाले सोया नगेट्स, प्रोसेस्ड वेज मीट या नकली मांस जल्दी पकने और स्वादिष्ट लगने की वजह से पसंद किए जाते हैं। लेकिन इनमें मौजूद प्रिजर्वेटिव्स और आर्टिफिशियल फ्लेवर लिवर पर अतिरिक्त केमिकल लोड डालते हैं। यह पहले से कमजोर लिवर में सूजन और डिटॉक्स की क्षमता को और बिगाड़ सकते हैं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।