MP GST Notice: गुटखा कारोबारी किशोर वाधवानी सहित कई फर्म पर 2002 करोड़ टैक्स डिमांड, सेंट्रल जीएसटी एंड एक्साइज कमिश्नरेट इंदौर की बड़ी कार्रवाई...
MP GST Notice: गुटखा कारोबारी किशोर वाधवानी और उससे जुड़े विभिन्न प्रतिष्ठानों पर सेंट्रल जीएसटी एंड एक्साइज कमिश्नरेट इंदौर ने बड़ी कार्रवाई की। विभाग ने इन्हें 2002 करोड़ रुपए की टैक्स डिमांड वाला नोटिस जारी किया है। माना जा रहा है कि यह प्रदेश में अब तक जारी की गई सबसे बड़ी टैक्स डिमांड है। यह कार्रवाई साल 2020 में तलाशी और जांच कार्रवाई के आधार पर की गई है।
नोटिस वाधवानी तक सीमित नहीं है, टैक्स डिमांड एलोरा टोबेको, दबंग दुनिया पब्लिकेशन, श्याम खेमानी, अनमोल मिश्रा, धर्मेन्द्र पीठादिया, राजू गर्ग, शिमला इंडस्ट्रीज प्रालि, देवेंद्र द्विवेदी, विनायका फिल्टर्ड प्रालि और विनोद बिदासरिया सहित कई अन्य संस्थानों और व्यक्तियों को भी जारी किया गया है। इसके अलावा टीएएन इंटरप्राइजेज, एसआर ट्रेडिंग, निश्का इंटरप्राइजेज, इंक फ्रूट, एमएन इंटरप्राइजेस, रानी प्रेस प्रालि, जौहर हसन, एनजी ग्राफिक्स एंड क्लॉक मेकर्स के नाम भी इसमें शामिल हैं।
टैक्स डिमांड नोटिस जारी होने में देरी का मुख्य कारण वाधवानी समूह द्वारा की गई लंबी कानूनी लड़ाई रही। मामला पहले इंदौरहाईकोर्ट में पहुंचा, जहां अदालत ने समूह की याचिका को न केवल निराधार बताया, बल्कि उन पर दो लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था। अदालत ने स्पष्ट कहा था कि याचिका का उद्देश्य सिर्फ जांच और टैक्स प्रक्रिया को लटकाने का प्रयास है। इसके बाद समूह ने इस फैसले को चुनौती देते हुए मामला सुप्रीम कोर्ट में दायर किया।
2 दिसंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद प्रशासन को टैक्स डिमांड नोटिस जारी करने का रास्ता साफ हो गया और लंबे समय से लंबित यह कार्रवाई अब पूरी हो गई है। अब संबंधित फर्मों और व्यक्तियों को तय समय सीमा में विभाग को अपना जवाब देना होगा। जवाब संतोषजनक नहीं मिलने पर विभाग आगे वसूली की प्रक्रिया शुरू कर सकता है।
नोटिस अनुसार 2002 करेाड़ रुपए की देनदारी में कई प्रकार के कर और सेस शामिल हैं। इसमें 151 करोड़ रुपए जीएसटी के रूप में निर्धारित किए गए, जिसमें 75.82 करोड़ सेंट्रल जीएसटी और 75.82 करोड़ रुपए स्टेट जीएसटी है। इसके अलावा 1784 करोड़ रुपए का सेस और 76.67 करोड़ रुपए की एक्साइज ड्यूटी राशि भी आरोपित की गई है। यह कर चोरी जुलाई 2017 से 10 जून 2020 के बीच की गई कारोबारी गतिविधियों से संबंधित है। जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से इस अवधि में कर चोरी की राशि अलग-अलग चरणों में बढ़ती रही। साल 2020 में वाधवानी समूह और उनसे जुड़े अन्य प्रतिष्ठानों पर की गई छापामार कार्रवाई में विक्रय अनियमितताओं के बड़े प्रमाण मिले थे।