Saurabh sharma- एमपी का अरबपति बिल्डर और पूर्व परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा मनी लॉन्ड्रिंग केस में बुरा फंसा है और अभी जेल में ही है।
Saurabh sharma- एमपी का अरबपति बिल्डर और पूर्व परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा मनी लॉन्ड्रिंग केस में बुरा फंसा है और अभी जेल में ही है। उसकी जमानत याचिका पर जबलपुर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है। कोर्ट ने आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा पर लगे आरोपों को गंभीर बताते हुए उसकी जमानत याचिका रद्द कर दी है। हाईकोर्ट ने याचिका पर सुरक्षित रखा फैसला शनिवार को सुनाया। ईडी के अधिवक्ता विक्रम सिंह ने कोर्ट को बताया कि सौरभ शर्मा ने काली कमाई से अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के नाम पर कई संपत्तियां खरीदीं। उसकी 108 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच की जा चुकी है, लॉकर्स से भी 2 करोड़ के जेवर जब्त किए गए हैं।
सौरभ शर्मा के ठिकानों पर पिछले साल 17 दिसंबर को छापा मारा गया था। कई दिनों बाद उसे पकड़ा जा सका था। 4 फरवरी से वह जेल में ही है। सौरभ शर्मा ने जबलपुर हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई जिसपर 30 जुलाई को सुनवाई हुई हालांकि कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के वकील ने कोर्ट में कहा था कि उसके नाम की संपत्तियां से उसका कोई लेना-देना नहीं है। शर्मा ने बरामद की गई राशि से भी पल्ला झाड़ लिया था। इधर ईडी ने कोर्ट को बताया कि सौरभ शर्मा ने ही अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के नाम से संपत्तियां खरीदी हैं।
आरोपी की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट ने 30 जुलाई को सुरक्षित रखा अपना फैसला शनिवार को सुना दिया। जस्टिस प्रमोद कुमार अग्रवाल की एकल पीठ ने सौरभ शर्मा की जमानत याचिका खारिज कर दी। 26 पेज के इस फैसले में कोर्ट ने सौरभ शर्मा पर लगे आरोपों को गंभीर बताते हुए जमानत देने से इंकार कर दिया है।