जगदलपुर

बस्तर स्कूलों में ठप हुई पढ़ाई, 12 विधानसभा सीटों पर 3 हजार शिक्षक लगे SIR प्रक्रिया में

Bastar School Closed: बस्तर संभाग में निर्वाचन आयोग के SIR अभियान के तहत 3 हजार से अधिक शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी पर तैनात किया गया है।

3 min read
SIR ने स्कूलों से छीने SIR (photo source- Patrika)

Bastar School Closed: बस्तर के स्कूलों अब एक महीने तक पढ़ाई ठप रहेगी। 4 नवंबर से शुरू हुए एसआईआर क प्रक्रिया की वजह से शिक्षकों को बीएलओ का जिम्मा दे दिया गया था। पहले भी निवार्चन आयोग के लिए शिक्षक ही बीएलओ ही बनाए जाते थे लेकिन इस बार अभियान को बड़ा बताकर पूरी शिक्षा व्यवस्था को पटरी से उतार दिया गया है। बस्तर की शिक्षा व्यवस्था पहले ही पटरी पर नहीं है।

ये भी पढ़ें

CG Politics: SIR प्रक्रिया पर गरमाई राजनीति, कांग्रेस ने उठाया सवाल, कहा- शिक्षक बीएलओ बनेंगे तो पढ़ाएगा कौन?

Bastar School Closed: पुरुष शिक्षकों की ड्यूटी ज्यादा लगाई

इस बीच समय-समय पर सरकार के फरमान यहां की व्यवस्था को और बिगाड़ देते हैं। देश के 12 राज्यों की तर्ज पर बस्तर में भी एसआईआर की प्रक्रिया चल रही है। इस काम में बस्तर संभाग की 12 विधानसभा सीटों पर 3 हजार से ज्यादा शिक्षकों की ड्यूटी लगा दी है। शिक्षा विभाग से जुड़े जिम्मेदारों का कहना है कि पहले भी निर्वाचन से जुड़ा काम शिक्षक करते थे।

क्षेत्रों में स्कूलों का एक शिक्षक ही बीएलओ होता था लेकिन इस बार अभियान बड़ा है और समय कम इसलिए ज्यादा शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। ऐसा होने से बस्तर के स्कूल शिक्षिकविहीन हो चुके हैं। अधिकांश स्कूृल एक से दो शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं। इस काम में पुरुष शिक्षकों की ड्यूटी ज्यादा लगाई गई है। स्कूलों के ऐसे शिक्षक जो पहले से बीएलओ थे वे अपने साथी शिक्षकों को काम के लिए ट्रेंड कर उनके साथ टारगेट पूरा कर रहे हैं।

22 साल बाद हो रही प्रक्रिया इसलिए झोंकी पूरी व्यवस्था

Bastar School Closed: इतने बड़े पैमाने पर शिक्षकों की ड्यूटी लगाए जाने को लेकर विभागीय अधिकारियों का कहना है कि 2003 के बाद छत्तीसगढ़ में ऐसी और इतनी बड़ी प्रक्रिया हो रही है। मानव श्रम की कमी थी इसलिए सभी शिक्षकों को तैनात किया गया है। इस पर शिक्षा संगठनों का कहना है कि अन्य विभागों के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाकर स्थिति को संभाला जा सकता था लेकिन पढ़ाई के सीजन में ऐसा किए जाने से स्कूली बच्चों को बहुत नुकसान हो रहा है।

जहां एक शिक्षक बचे वहां कैसे होगी पढ़ाई

मेरे पास कई स्कूलों से कॉल आए हैं और बताया जा रहा है कि एसआईआर की प्रक्रिया शुरू होने के बाद उनके यहां एक ही शिक्षक बचे हैं। ऐसे सैकड़ों मीडिल और प्राइमरी स्कूल हैं जो अगले एक महीने के लिए लिए एकल शिक्षकीय हो चुके हैं। अभियान को पूरा करना चाहिए लेकिन ऐसी व्यवस्था का हम विरोध करते हैं। इससे बच्चों का नुकसान हो रहा है। अन्य विभागों से कर्मचारियों को नियुक्त करने से हालात इतने नहीं बिगड़ते: गजेंद्र श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष सर्व शैक्षिक संगठन, बस्तर

अधिकांश स्कूलों में शिक्षकों की कमी हो गई है। इस बीच दिसंबर के महीने में छहमाही परीक्षा और प्री बोर्ड होना है। ड्यूटी कर रहे शिक्षकों का कहना है कि परीक्षा के लिए बच्चों की तैयारी अटक गई है। परीक्षा से एक महीने पहले यानी नवंबर से दिसंबर के बीच ही उनकी मुय पढ़ाई होती है लेकिन इससे पहले बच्चों के पास उनके विषय विशेषज्ञ शिक्षक नहीं हैं। बोर्ड के बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

प्री बोर्ड और छमाही परीक्षा अब अधर में

Bastar School Closed: बस्तर के शिक्षकों को आए दिन सरकारी कार्यक्रमों और चुनावी काम में लगाया जाता है। एसआईआर की वजह से तो संख्या कई गुना तक बढ़ा दी गई है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि एक ओर प्रदेश से स्थानीय स्तर के प्रशासनिक अधिकारी अपने जिलों से बोर्ड के लिए स्टेट टॉपर निकालने का टारगेट देते हैं। यह टारगेट ऐसे हालात में कैसे पूरा होगा जब प्री बोर्ड की तैयारी के वक्त ही अधिकांश शिक्षकों को बीएलओ बना दिया गया है।

इन जिलों में इतने शिक्षकों की लगी ड्यूटी

बस्तर : 730
कांकेर : 638
दंतेवाड़ा : 430
बीजापुर : 246
सुकमा : 330
कोण्डागांव : 387
नारायणपुर : 367
कुल : 3128

ये भी पढ़ें

SIR सर्वे में खुलासा! हजारों मतदाताओं के नाम सूची से गायब, बाहर से आए लोगों की बढ़ी दिक्कतें…

Updated on:
09 Nov 2025 12:17 pm
Published on:
09 Nov 2025 12:16 pm
Also Read
View All

अगली खबर