CG News: कचनार गांव के किसान वीरेन्द्र बघेल ने कृषि यांत्रिकीकरण योजना के तहत फार्म मशीनरी बैंक स्थापित कर खेती में नवाचार किया है।
CG News: बकावण्ड विकासखंड के कचनार निवासी किसान वीरेन्द्र बघेल शासन की कृषि यांत्रिकीकरण योजना से लाभान्वित होकर खेती-किसानी में नवाचार का उदाहरण बन गए हैं। उन्होंने फार्म मशीनरी बैंक (कम्पोनेंट-4) के तहत कृषि यंत्र सेवा केंद्र स्थापित कर न केवल अपनी आय बढ़ाई है, बल्कि आसपास के गांवों के सैकड़ों किसानों को भी खेती के लिए आधुनिक यंत्र किराए पर उपलब्ध करवा रहे हैं।
हायर सेकंडरी तक शिक्षित 42 वर्षीय वीरेन्द्र के पास 3 एकड़ कृषि भूमि है। पहले वे पारंपरिक तकनीक से खेती करते थे, जिससे वार्षिक आमदनी लगभग दो लाख रुपए ही हो पाती थी। परंपरागत तरीकों में अधिक समय, मेहनत और लागत लगने के बावजूद उत्पादन सीमित रहता था। गत वर्ष वीरेन्द्र ने कृषि अभियांत्रिकी विभाग के संपर्क में आकर 25 लाख 17 हजार रुपए की लागत से कृषि यंत्र सेवा केंद्र स्थापित किया।
इसमें दो ट्रैक्टर, कल्टीवेटर, थ्रेसर, रिपर, रोटावेटर, सीड ड्रिल और स्प्रेयर जैसे आधुनिक कृषि उपकरण खरीदे गए। इस पर राज्य शासन से 10 लाख रुपए का अनुदान तथा शेष राशि बैंक ऋण से प्राप्त की गई। वीरेन्द्र बताते हैं कि अब वे उन्नत तकनीक से खेती कर अधिक मुनाफा कमा रहे हैं। उनके फार्म मशीनरी बैंक से कचनार, कुदालगांव, बोरपदर, मेटावाड़ा, भिरलीगा और चोलनार सहित आसपास के लगभग 365 किसान आधुनिक उपकरण किराए पर लेकर समय पर फसल की बुआई और कटाई कर पा रहे हैं।
पिछले 13 महीनों में वीरेन्द्र ने मशीनों के किराए से लगभग 10 लाख रुपए की आय अर्जित की है। डीजल और मरम्मत पर करीब चार लाख खर्च कर उन्हें छह लाख रुपए का शुद्ध लाभ हुआ, जिससे उन्होंने अब तक ढाई लाख रुपए से अधिक बैंक ऋण चुका दिया है। वीरेन्द्र कहते हैं, फार्म मशीनरी बैंक से आमदनी के नए रास्ते खुले हैं, अब खेती भी आसान हो गई है और परिवार में खुशहाली आई है।
CG News: हाल ही में संभागीय संयुक्त संचालक कृषि महादेव ध्रुव तथा संभागीय कृषि अभियंता एच.एल. देवांगन ने वीरेन्द्र के फार्म मशीनरी बैंक का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने उनके कार्य की सराहना करते हुए क्षेत्र के अन्य लघु एवं सीमांत किसानों को भी इस मॉडल को अपनाने की सलाह दी, ताकि कृषि यंत्रों की पहुंच सब तक हो सके और आय में वृद्धि हो।