CG Tourism: कोटमसर के ग्रामीणों और पार्क प्रबंधन की बीच गतिरोध अंतत: खत्म हुुई। कामानार से टिकट काउंटर गांव में शिफ्ट करने की मांग पूरी नहीं हुई। हड़ताल के दौरान धुड़मारास, कैलाश गुफा तक पर्यटक जा रहे थे।
CG Tourism: कोटमसर गुफा आखिरकार 21 दिन बाद शुक्रवार को खुल गई। स्थानीय ग्रामीणों का आंदोलन इस बात पर आकर खत्म हुआ कि कोटमसर गुफा तक जाने वाली जिप्सी वहां पर एक घंटे तक रुकेगी। इससे ग्रामीणों का रोजगार पहले की तरह जारी रहेगा। ग्रामीण टिकट काउंटर कामानार से कोटमसर में ही शिफ्ट करने पर अड़े हुए थे, लेकिन यह मांग पूरी नहीं हो पाई।
हालांकि एक घंटे जिप्सी गांव में रूकने की बात पर ग्रामीण मान गए और अब पर्यटक पहले की तरह गुफा देखने जा पा रहे हैं। ग्रामीणों के इंस आंदोलन की वजह से कोटमसर गुफा जाने वाले पर्यटक कैलाश गुफा, धुड़मारास और नागलसर डायवर्ट हो गए थे। हड़ताल से पार्क प्रबंधन को फायदा ही हुआ है। कैलाश गुफा तक पहले पर्यटक कम ही जाते थे लेकिन इस बार 21 तक बड़ी संख्या में पर्यटक कैलाश गुफा देखने पहुंचे।
कोटमसर गुफा बंद रहने के बीच पार्क प्रबंधन ने सैलानियों को कैलाश गुफा दिखाने का निर्णय लिया था। इस कदम के बाद सैलानियों को कैलाश गुफा देखने का रोमांचक अनुभव मिला। पार्क प्रबंधन के मुताबिक पिछले 21 दिनों में लगभग 5000 पर्यटक कैलाश गुफा पहुंचे।
आने वाले दिनों में पार्क प्रबंधन इस गुफा के आसपास पर्यटकों के लिए और भी सुविधाएं मुहैया कराने की तैयारी में है ताकि कोटमसर का विकल्प बना रहे। वहीं कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान, निदेशक, चूड़ामणि सिंह ने पत्रिका को जानकारी दी कि कोटमसर गुफा अब खुल चुकी है। वहीं पार्क क्षेत्र के बाकी पर्यटन स्थलों को विकसित करने की दिशा में भी हम काम कर रहे हैं।
CG Tourism: ग्रामीणों की मांग थी पहले की तरह कोटमसर में ही गुफा का टिकट काउंटर खुले लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान प्रबंधन ने इस मांग पर असहमति जाहिर कर दी। हालांकि पार्क प्रबंधन ने सैलानियों को गांव में घूमने की एक व्यवस्था बनाई। इसके तहत जिप्सी गांव में एक घंटे रुकेगी। इससे ग्रामीणों को पहले की तरह रोजगार मिल पाएगा।