Chhattisgarh News: बस्तर जिले के नियानार धान संग्रहण केंद्र को बंद कर प्रशासन अब इसे कोपागुड़ा शिफ्ट करने की तैयारी में है।
Chhattisgarh News: कभी जहां अत्याधुनिक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनने की उम्मीदें थीं, अब वहीं धान की बोरियां रखी जाएंगी। बस्तर जिले के नियानार धान संग्रहण केंद्र को बंद कर प्रशासन ने इसे कोपागुड़ा शिफ्ट करने की तैयारी शुरू कर दी है। दिलचस्प बात यह है कि यह वही सरकारी भूमि है, जहां कभी एनएमडीसी की ओर से सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का निर्माण प्रस्तावित था। अब इस भूमि का उपयोग अस्थायी धान खरीदी केंद्र के रूप में किया जाएगा।
कोपागुड़ा की भूमि को लेकर स्थानीय नागरिकों में नाराजगी है। लोगों का कहना है कि जिस जगह अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा की उम्मीद थी, वहां अब धान खरीदी केंद्र खोला जा रहा है। हालांकि डिमरापाल मेडिकल कॉलेज के सामने सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनकर तैयार हो गया है, लेकिन कोपागुड़ा क्षेत्र के लोग अब भी अपने इलाके में स्वास्थ्य सुविधा की मांग कर रहे हैं।
अब इस भूमि पर धान केंद्र की तैयारी को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ‘‘अस्पताल के लिए आरक्षित भूमि का अस्थायी उपयोग धान भंडारण के लिए क्यों किया जा रहा है। इस भूखण्ड का उपयोग अन्य औद्योगिकीकरण के प्रयोजन के लिए होना चाहिए, ताकि स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार मिल सके। कोपागुड़ा से लगे हुए मारकेल, खुटपद, बिरसागुड़ा और कई गांव के ग्रामीणों के आर्थिक विस्तार में मददगार साबित होता।
Chhattisgarh News: अधिकारियों का कहना है कि नियानार केंद्र तक पहुंचने वाला मार्ग बेहद खराब है। बरसात में कच्चे रास्ते से धान परिवहन कठिन हो जाता है, जिससे खरीदी और भंडारण कार्य प्रभावित होते हैं। धान परिवहन और भण्डारण में आने वाली असुविधाओं को देखते हुए ही केंद्र को कोपागुड़ा स्थानांतरित करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि 15 नवंबर से धान खरीदी प्रारंभ होनी है, इसलिए उससे पहले कोपागुड़ा केंद्र में भंडारण स्थल, कार्यालय व्यवस्था, सुरक्षा और परिवहन प्रबंधन सुनिश्चित किए जा रहे हैं।
राजेंद्र ध्रुव, जिला विपणन अधिकारी, जगदलपुर: नियानार संग्रहण केन्द्र तक पहुंच मार्ग खराब होने के कारण किसानों को परिवहन में कठिनाई हो रही थी। इसी वजह से प्रशासन ने कोपागुड़ा में नया केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। कोपागुड़ा केंद्र में सभी आवश्यक तैयारियां समय-सीमा पूर्ण की जाएगी। धान खरीदी भण्डारण में किसी तरह की कमी न रहे।