जगदलपुर

Chhattisgarh Rains: तेजी से आ रहा मानसून, 16 जून से पहले छत्तीसगढ़ में हो सकती है एंट्री

Chhattisgarh Rains: मानसून की रफ्तार तेज हो गई। दरअसल अंडमान निकोबार में मानसून पहुंच गया। (CG Weather Update) जिसके बाद अब यह तेजी से आगे बढ़ रहा है...

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Chhattisgarh Rains: छत्तीसगढ़ के दक्षिण हिस्से यानी बस्तर संभाग में पिछले हफ्ते हर दिन बारिश की स्थिति बन रही थी। (CG Weather Update) वहीं अब बीते दो दिनों से शाम होते ही बादल छा रहे हैं। इसकी वजह मानसून की रफ्तार तेज हो गई। दरअसल अंडमान निकोबार में मानसून पहुंच गया। जिसके बाद अब यह तेजी से आगे बढ़ रहा है। यही वजह है कि सोमवार को मौसम सामान्य रहा और तापमान में इजाफा भी दर्ज किया किया गया।

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Chhattisgarh Rains: 31 मई को मानसून देगा दस्तक

केरल में 31 मई को मानसून के दस्तक देने के पूर्वानुमान के साथ ही देश के अन्य राज्यों में भी मानसून (Chhattisgarh Monsoon) की शुरुआत हो जाएगी। वहीं मौसम विभाग के पूर्वनुमान के अनुसार मानसून 13 जून को बस्तर से होते हुए छत्तीसगढ़ में प्रवेश करेगा।

इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में अच्छी बारिश होने की भी उम्मीद है। मौसम विभाग ने 106 प्रतिशत तक बारिश होने का पूर्वानुमान जारी किया है। मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने बताया कि मानसून (Chhattisgarh Monsoon) के जगदलपुर पहुंचने की सामान्य तिथि 13 जून है।

IMD rain alert in Chhattisgarh

इस वर्ष 106 प्रतिशत वर्षा की संभावना का मतलब है कि सामान्य से इस वर्ष अधिक बारिश (Chhattisgarh Rains) होने की संभावना है। इसका मुख्य कारण एलनीनो है, एलनीनो का प्रभाव कम हो गया है यानी न्यूट्रल कंडीशन पर है। जिसके कारण इस वर्ष अच्छे मानसून की संभावना है। मानसून आमतौर पर 1 जून को केरल में प्रवेश करता है, इसके बाद यह उत्तर की ओर बढ़ता है, और 15 जुलाई के आस-पास पूरे देश को कवर कर लेता है।

कवर्धा, पेंड्रा और तपकरा में बारिश

पिछले 24 घंटे में कवर्धा में दो सेमी पानी बरसा। पेंड्रा, बस्तर व मनोरा में भी इतनी ही बारिश हुई। कुनकुरी, पंडिरया, तपकरा व बकावंड में एक-एक सेमी पानी गिरा। कई स्थानों पर बौछारें (Chhattisgarh Rains)भी पड़ीं।

दो द्रोणिकाओं व एक चक्रवात का असर

मौसम विज्ञान (Chhattisgarh Monsoon) केंद्र लालपुर के मौसम विज्ञानियों के अनुसार एक द्रोणिका उत्तर-पश्चिम उत्तरप्रदेश से लेकर पश्चिम मध्यप्रदेश होते हुए उत्तर-मध्य महाराष्ट्र, दूसरी द्रोणिका गांगेय पश्चिम बंगाल होते हुए पूर्व बांग्लादेश तक बनी हुई है। वहीं उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी व उसके आसपास के क्षेत्र उत्तरी ओडिशा, पश्चिम बंगाल तटों पर चक्रवात बना हुआ है।

इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 3.1 किमी है। इसके असर से ही 24 मई तक प्रदेश के कुछ स्थानों पर अंधड़ चलने से लेकर हल्की बारिश होने की संभावना है। अगले तीन दिनों में मध्य छत्तीसगढ़ में अधिकतम तापमान एक से दो डिग्री तक बढ़ सकता है।

Updated on:
23 May 2024 09:53 am
Published on:
22 May 2024 02:59 pm
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