Jagdalpur Circuit House Controversy: मैं मंत्री जी का नाश्ता बना रहा था। इस दौरान उनका पीएसओ बुलाने आया। पीएसओ के बुलाने पर मैं पहुंचा। मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि तुमने कमरा क्यों नहीं खोला? अचानक जूता हाथ में उठा लिया। जूता उठाते ही मां-बहन गालियां दी।
Jagdalpur Circuit House Controversy: छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। राज्य के वन, जलवायु परिवर्तन एवं परिवहन मंत्री केदार कश्यप पर जगदलपुर सर्किट हाउस में एक शासकीय कर्मचारी से मारपीट करने का आरोप लगा है। इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई है। कांग्रेस ने सरकार को घेरते हुए मंत्री पर कार्रवाई की मांग तेज कर दी है।
वन मंत्री केदार कश्यप पर जगदलपुर सर्किट हाउस में चतुर्थ वर्ग कर्मचारी से मारपीट और उसकी मां को गाली देने का आरोप लगा है। इसी विरोध में कांग्रेस आज प्रदेशभर के जिलों में प्रदर्शन करेगी और मंत्री कश्यप की बर्खास्तगी की मांग को लेकर पुतला दहन करेगी।
पीड़ित कर्मचारी और उसकी पत्नी एक वीडियो में आरोप लगाते नजर आ रहे हैं कि मंत्री ने न केवल अपशब्द कहे, बल्कि उनके साथ हाथापाई भी की। कर्मचारी का कहना है कि “कमरा क्यों नहीं खोला” बोलते हुए मंत्री भड़क गए और उन्होंने कॉलर पकड़कर थप्पड़ मार दिए।
हालांकि, मंत्री केदार कश्यप ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि शनिवार शाम जब वह सर्किट हाउस पहुंचे तो उनका कमरा लॉक था और अटेंडर वहां मौजूद नहीं था। कुछ देर बाद जब अटेंडर आया तो उन्होंने केवल नाराजगी जताई और अपने कमरे में चले गए। मंत्री का कहना है कि किसी तरह का दुर्व्यवहार या मारपीट उनकी ओर से नहीं किया गया। उन्होंने कांग्रेस पर “गलत राजनीति” करने का आरोप लगाया।
इस मामले पर कांग्रेस ने सोशल मीडिया के जरिए बड़ा हमला बोला है। कांग्रेस नेताओं ने पीड़ित का वीडियो जारी करते हुए कहा है कि मंत्री का व्यवहार लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने इस घटना की निंदा करते हुए सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इस मुद्दे को गंभीर बताते हुए मंत्री से इस्तीफे की मांग की है। बघेल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पीड़ित कर्मचारी का वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि- “मंत्री द्वारा शासकीय कर्मचारी के साथ मारपीट अस्वीकार्य है। मुख्यमंत्री को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।”
यह मामला सामने आने के बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। एक ओर कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर बीजेपी सरकार को घेरने में जुटी है, वहीं बीजेपी खेमे से मंत्री का बचाव किया जा रहा है। अब देखना होगा कि सरकार इस पूरे विवाद पर क्या रुख अपनाती है।
इस विवाद के बाद सर्किट हाउस की व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। मंत्री ने नाराजगी जताते हुए कहा कि वर्षों से जमे कर्मचारी और लापरवाह अधिकारियों की वजह से कार्यकर्ताओं को अपमानित होना पड़ रहा है। उन्होंने संकेत दिए कि इस मामले में जिम्मेदार कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी।