Rajasthan Destination Wedding : सीएम भजनलाल ने बताया कि यह खुशी की बात है कि राजस्थान की डेस्टिनेशन वेडिंग वैश्विक पहचान बना चुकी है।
Rajasthan Destination Wedding : मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की अध्यक्षता में गुरुवार को जेएलएन मार्ग स्थित एक निजी होटल में प्रवासी राजस्थानी दिवस से पहले पर्यटन विभाग की प्री-समिट का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री भजन लाल ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र में 1 लाख 44 हजार करोड़ रुपए के निवेश एमओयू हुए हैं। इतने बड़े निवेश से राज्य में 2 लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा।
सीएम भजनलाल ने बताया कि जर्मनी दौरे के दौरान वहां के लोगों ने कहा कि राजस्थान में शादी के लिए होटल ही नहीं मिल रहे हैं। चर्चा करने पर पता चला कि अगले दो वर्ष तक अधिकांश होटल बुक हैं और सिफारिश पर भी एक वर्ष की प्रतीक्षा के बाद ही बुकिंग संभव है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह खुशी की बात है कि राजस्थान की डेस्टिनेशन वेडिंग वैश्विक पहचान बना चुकी है।
मुख्यमंत्री भजनलाल ने निवेशकों से कहा कि अब राज्य में चेहरा देखकर काम करने वाली सरकार नहीं है। इस वर्ष 15 करोड़ देसी और 12 लाख विदेशी पर्यटक राजस्थान आ चुके हैं। पर्यटन निवेश के तहत 277 परियोजनाएं ग्राउंड-ब्रेकिंग चरण में पहुंच चुकी हैं, जिनमें 10 हजार करोड़ का प्रस्तावित निवेश है और इनसे लगभग 16 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
सीएम भजनलाल ने आगे कहाकि शेखावाटी की 662 हवेलियों का संरक्षण कर विरासत पर्यटन को आगे बढ़ाया जाएगा। उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने कहा कि अप्रेल से सितंबर तक ऑफ सीजन होता है, लेकिन इसमें भी पर्यटन बढ़ाने पर काम किया जा रहा है।
राजस्थान अब पर्यटन का केंद्र नहीं बल्कि डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए देश की सबसे पसंदीदा जगह बन चुका है। राजस्थान को अब डेस्टिनेशन वेडिंग की राजधानी पुकारा जाने लगा है। नवंबर से मार्च तक यहां शादियों से एक हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का व्यापार होता है। जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, पुष्कर, रणथंभौर और जैसलमेर राजस्थानी प्रवासी एनआरआई, बड़े उद्योगपतियों और विदेशी जोड़ों की पहली पसंद बन गया हैं। डेस्टिनेशन वेडिंग पर अगर खर्च का अनुमान लगाएं तो हर शादी पर औसतन पचास लाख से दस करोड़ रुपए तक का खर्च होता है।
विशेषज्ञ बताते हैं कि जयपुर में कुल शादियों का 35 प्रतिशत हिस्सा है जो सबसे ज्यादा है। दूसरे नंबर पर 25 प्रतिशत के साथ उदयपुर, फिर जोधपुर 15 प्रतिशत के साथ तीसरे पर, पुष्कर कुंभलगढ़, रणथंभौर, सामोद और अन्य जगहों का मिलाकर करीब 10 प्रतिशत हिस्सा है।