जयपुर में फूड सेफ्टी टीम ने 400 किलो मिलावटी पनीर पकड़ा, लेकिन मिलावटखोरों को सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। क्या है इस लापरवाही के पीछे की सच्चाई?
जयपुर के जगतपुरा में देर रात फूड सेफ्टी टीम की ओर से 400 किलो मिलावटी पनीर पकड़ा गया। पनीर को नष्ट कर मौके पर पकड़े गए दो मिलावटखोरों को सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। मजे की बात है कि नकली पनीर जिस फैक्ट्री से आया, उस फैक्ट्री पर भी कार्रवाई नहीं की गई। ऐसे में लोगों को जहर खिलाने वाले आरोपियों को सिर्फ समझाइश देकर छोड़ देना कई सवाल उठाता है।
पूरे मामले में पत्रिका ने पड़ताल की और खाद्य सुरक्षा अधिकारी रमेश चंद यादव से बात की। यादव ने बताया कि उनकी टीम ने रात करीब एक बजे कार्रवाई की। रात में जगतपुरा में बालाजी मोड़ पर एक पिकअप को रोका गया। जिसमें बदबू आने पर 400 किलो से ज्यादा पनीर को बरामद किया गया और उसे नष्ट कराया।
रिपोर्टर : आपने मिलावटी पनीर पकड़ा, लेकिन आरोपियों को क्यों छोड़ा?
अधिकारी : हमने मिलावटी पनीर बरामद कर नष्ट करा दिया। पकड़े गए लोगों ने कहा वह आगे से ऐसा नहीं करेंगे। इसलिए उन्हें छोड़ दिया।
रिपोर्टर : पुलिस को क्यों नहीं बुलाया, गिरफ्तार क्यों नहीं कराया?
अधिकारी : जब पुलिस कार्रवाई करती है तो हमें आना पड़ता है। लेकिन हमारे पास ऐसा प्रावधान नहीं है कि पुलिस कार्रवाई करें। हम कोर्ट कार्रवाई करेंगे। अभी सैंपल लैब में भेजा है। रिपोर्ट आने पर कार्रवाई करेंगे।
रिपोर्टर : आरोपियों से पूछताछ में क्या सामने आया। वह कहां से ला रहे थे मिलावटी पनीर?
अधिकारी : रात में उन्होंने ज्यादा जानकारी नहीं दी, सिर्फ बताया कि अलवर राजगढ़ के आसपास से लाए है। अब दिन में वह लाइसेंस भेजेंगे, जहां मिलावटी पनीर बनता है।
रिपोर्टर : आपने कैसे विश्वास कर लिया कि वह दिन में आपको जानकारी दे देंगे अपने अड्डे की, रात में अलवर टीम को सूचना क्यों नहीं दी।
अधिकारी : रात में हमने अलवर टीम को सूचना इसलिए नहीं दी कि रात में पनीर तो मिलता नहीं है। अब दिन में अलवर में अधिकारियों को अवगत करा दिया है। अब वहां पर कार्रवाई होगी।
'शुद्ध आहार, मिलावट पर वार' अभियान के तहत सीएमएचओ जयपुर सेकंड की फूड सेफ्टी टीम ने जगतपुरा में एक पनीर से भरी पिकअप को पकड़ा। इस पिकअप में से 400 किलोग्राम मिलावटी पनीर बरामद किया, जिसके बाद उसे नष्ट करवाया। पूछताछ में सामने आया कि ये पनीर जयपुर शहर में अलग-अलग ढाबों, रेस्टोरेंट और होटलों के अलावा मिष्ठान दुकानों पर 240 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से बेचा जाना था।