Amyra death case: अमायरा के परिवार ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। परिवार का कहना है कि पुलिस को अमायरा का स्कूल बैग कस्टडी में लेने में नौ दिन क्यों लगे। बैग में किताबों और एक डायरी के अलावा अमायरा द्वारा स्कूल में हो रही बुलिंग के बारे में लिखने का शक जताया गया है।
Amyra death case: राजधानी जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल में एक नवंबर को चौथी मंजिल से कूदकर अमायरा ने जान दे दी थी। अब लगभग दो हफ्ते बाद अमायरा के परिवार ने सवाल उठाया है कि पुलिस को अमायरा का स्कूल बैग कस्टडी में लेने में नौ दिन क्यों लगे?
अमायरा के मामा साहिल देव ने बताया, परिवार इस बात से चकित है कि अमायरा का स्कूल बैग 10 नवंबर तक स्कूल परिसर में ही रखा रहा। जबकि घटना एक नवंबर को हुई थी। उन्होंने कहा, जब हमने स्कूल बैग के बारे में पूछा तो पता चला कि वह 10 नवंबर तक स्कूल में रखा हुआ था।
साहिल देव के मुताबिक, पुलिस ने परिवार को बताया कि घटना के बाद बैग की जांच की गई थी, लेकिन उसे कस्टडी में नहीं लिया गया। बाद में बैग को जांच के लिए कस्टडी में लिया गया, जिसे केस प्रॉपर्टी के रूप में रखा गया।
मानसरोवर थाने के SHO लखन सिंह ने बताया, पुलिस और शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने पहले ही दिन बैग की जांच की थी, लेकिन उसमें कुछ संदिग्ध नहीं पाया था। उन्होंने बताया, बैग को स्कूल के लॉकर में रखा गया और बाद में पुलिस ने उसे जांच के लिए ले लिया।
मामला साहिल ने आरोप लगाया, बैग में किताबों और नोटबुक्स के अलावा अमायरा की डायरी भी थी, जिसमें हो सकता है कि उसने स्कूल में हो रहे बुलिंग के बारे में लिखा हो। उन्होंने कहा, इस डायरी में लगभग 600 पेज हैं। क्या पुलिस ने एक ही दिन में सारे पेज पढ़ लिए?
इसके अलावा साहिल ने यह भी संदेह जताया, ऐसा हो सकता है कि स्कूल ने घटना स्थल को धोकर सबूत मिटा दिए हों। जैसा कि उस दिन घटना स्थल पर खून के धब्बे धोने की रिपोर्ट्स आई थी, जो पुलिस और फॉरेंसिक टीम के पहुंचने से पहले हुई थी।
परिवार का दावा है कि अमायरा के साथ स्कूल में बुलिंग किया जा रहा था और उन्होंने इसकी जानकारी उसकी कक्षा की शिक्षिका को भी दी थी। साहिल देव ने कहा, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के प्रतिनिधियों ने परिवार से मुलाकात की और आगे की कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि वे उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी से मिले थे, जिन्होंने इस मामले को पुलिस कमिश्नर तक पहुंचाया है।