जयपुर

जयपुर के मशहूर त्रिपोलिया बाजार की पहचान पर संकट, बस यादों में रह जाएंगे 150 साल पुराने अशोक के ये पेड़

Tripolia Bazar Update : जयपुर की बसावट के बाद करीब 150 साल पहले त्रिपोलिया बाजार में एक साथ अशोक के कई पेड़ लगाए गए। पर आज ये अशोक के पेड़ अंतिम सांस ले रहे हैं। अगर इन्हें संरक्षित नहीं किया गया तो ये सिर्फ यादों में रह जाएंगे।

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Tripolia Bazar Update :राजस्थान की राजधानी पिंक सिटी जयपुर में परकोटे के बाजारों में बरामदों व हैरिटेज इमारतों के साथ पेड़ भी पहचान हैं। खासकर त्रिपोलिया बाजार में 150 साल पुराने अशोक के पेड़ बाजार के हैरिटेज लुक को बढ़ा रहे हैं, लेकिन अब इन्हें संरक्षण की दरकार है। व्यापारी भी इन पेड़ों को संरक्षित करने की मांग उठाने लगे हैं। जयपुर की बसावट के बाद करीब 150 साल पहले त्रिपोलिया बाजार में एक साथ अशोक के कई पेड़ लगाए गए। कभी इस बाजार में 60 से अधिक अशोक के पेड़ थे, लेकिन देखरेख के अभाव में ये पेड़ कम होते जा रहे हैं। अभी बाजार में 40 पेड़ बचे हैं, जो 25 से 30 फीट लंबे हैं। लेकिन उनमें भी कई पेड़ संरक्षण के अभाव में अंतिम सांस ले रहे हैं। कई पेड़ों के तने खोखले होते जा रहे हैं। कुछ पेड़ों की टहनियां सूख गई हैं। धीरे-धीरे बाजार से पेड़ कम होते जा रहे है। जानकारों की मानें तो पूर्व महाराजा रामसिंह के समय त्रिपोलिया बाजार सहित अन्य बाजारों में पेड़ लगाए गए थे।

इन बाजारों में भी हैं पेड़

परकोटे के किशनपोल बाजार, चौड़ा रास्ता, गणगौरी बाजार व चांदपोल बाजार सहित कई बाजारों में पेड़ हैं, लेकिन इन बाजारों में अलग-अलग किस्म में पेड़ हैं।

नगर निगम इन्हें संरक्षित घोषित करें - राजेन्द्र गुप्ता

त्रिपोलिया बाजार व्यापार मंडल अध्यक्ष राजेन्द्र गुप्ता ने कहा त्रिपोलिया में अशोक के 60 पेड़ हुआ करते थे। भूमिगत मेट्रो के काम के दौरान छोटी और बड़ी चौपड़ के पास से 10 अशोक के पेड़ हटा दिए, जो आज तक नहीं लगाए गए हैं। करीब 10 पेड़ सूख गए हैं। नगर निगम इन्हें संरक्षित घोषित करें।

देखरेख के अभाव में सूख रहे अशोक के पेड़

देखरेख के अभाव में अशोक के पेड़ सूख रहे हैं। पेड़ों को पानी नहीं मिल रहा है। कुछ पेड़ ऐसे भी हैं, जो कभी भी गिर सकते हैं।
जाहिद खान गुडएज, महामंत्री, त्रिपोलिया बाजार व्यापार मंडल

सड़कों की वजह से नष्ट हो रहे हैं पेड़ - महेश तिवाड़ी

पूर्व उपवन संरक्षक महेश तिवाड़ी ने कहा कि अशोक के पेड़ की उम्र करीब 100 साल से अधिक होती है। परकोटे के बाजार में सड़कों के विस्तार के साथ ही पेड़ों में पानी जाने के मार्ग को अवरुद्ध कर दिया गया है, जिससे पेड़ धीमे-धीमे नष्ट हो रहे हैं।

Updated on:
08 Nov 2024 12:54 pm
Published on:
08 Nov 2024 12:13 pm
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