कांस्टेबल की नींद में ही हार्ट अटैक आने से मौत हो गई। सुबह नहीं उठने पर परिजनों ने अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। 27 साल से पुलिस सेवा में थे।
जयपुर: राजधानी जयपुर में शुक्रवार तड़के एक पुलिस कांस्टेबल की नींद में ही मौत हो गई। प्रारंभिक जांच में हार्ट अटैक को कारण माना गया है। श्याम नगर थाने में कांस्टेबल ड्राइवर के रूप में तैनात 52 वर्षीय कैलाश चंद्र गुर्जर गुरुवार को ड्यूटी खत्म कर अपने गांव सामोद लौटे थे।
बता दें कि रात को हमेशा की तरह सोए, लेकिन सुबह नहीं उठे। परिजनों ने उन्हें जगाने की कोशिश की, लेकिन वे अचेत मिले। परिजन तुरंत उन्हें सामोद के सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया। परिवार में मातम पसरा हुआ है।
एसएचओ (श्याम नगर) दलवीर सिंह ने बताया, मृतक कैलाश चंद्र गुर्जर सामोद के सुल्तानपुरा गांव के रहने वाले थे और करीब 27 साल से राजस्थान पुलिस में सेवा दे रहे थे। वे बीते आठ साल से श्याम नगर थाने में ड्राइवर पद पर कार्यरत थे।
दलवीर सिंह ने बताया, वे अपने अनुशासित, सौम्य स्वभाव और ईमानदार व्यक्तित्व के कारण सभी में लोकप्रिय थे। शुक्रवार को उनकी ड्यूटी पर आने की बारी थी, लेकिन सुबह 4 बजे तक न उठने पर परिजनों को अनहोनी की आशंका हुई। सामोद थाना पुलिस ने मर्ग दर्ज कर पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है।
डॉक्टर्स के अनुसार, समय रहते हार्ट अटैक के संकेतों को पहचानकर जीवन बचाया जा सकता है। इसके कुछ आम लक्षण हैं…सीने में दबाव या दर्द जो कुछ मिनट से अधिक बना रहे। दर्द का कंधे, जबड़े या बाएं हाथ की ओर फैलना। अत्यधिक पसीना, सांस लेने में तकलीफ या चक्कर आना। उलझन, घबराहट या मतली महसूस होना। थकान या कमजोरी जो अचानक बढ़ जाए। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें या नजदीकी अस्पताल में जाएं।
कार्डियोलॉजिस्ट्स के मुताबिक, जीवनशैली में छोटे बदलाव दिल की सेहत को काफी हद तक सुरक्षित कर सकते हैं, जैसे…
संतुलित आहार लें: अधिक तेल, नमक और चीनी का सेवन कम करें। हरी सब्जियां, फल और साबुत अनाज शामिल करें।
नियमित व्यायाम करें: रोजाना कम से कम 30 मिनट वॉक या योग करें।
तनाव कम करें: ध्यान, संगीत या मनपसंद गतिविधियों से मानसिक शांति बनाए रखें।
धूम्रपान और शराब से दूरी रखें: ये दिल की धमनियों को कमजोर करते हैं।
नियमित हेल्थ चेकअप करवाएं: ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल की जांच साल में एक बार जरूर कराएं।
डॉक्टरों के मुताबिक, 40 वर्ष से ऊपर के लोगों को हार्ट हेल्थ पर विशेष ध्यान देना चाहिए। क्योंकि इस उम्र में हृदय रोगों का खतरा तेजी से बढ़ जाता है। समय पर पहचान और जीवनशैली में सुधार से कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।