झालावाड़ जिले में स्कूल भवन हादसे के बाद शिक्षा विभाग हरकत में जरूर आया, पर समग्र शिक्षा अभियान की सिविल शाखा अब भी कृषि अभियंताओं के भरोसे चल रही है। 468 पदों में 223 खाली, कई जगह शिक्षक-एलडीसी भवनों की देखरेख कर रहे।
जयपुर: सरकारी स्कूल इमारतों का निर्माण और रखरखाव का काम अब भी कृषि महकमे के अभियंताओं के भरोसे है। झालावाड़ जिले में स्कूल की छत गिरने से हुए हादसे में बच्चों की मौत के बाद हरकत में आए शिक्षा विभाग के अफसरों ने अब चुप्पी साध ली है।
हादसे के नाम पर कुछ अधिकारियों और अभियंताओं के निलंबन की कार्रवाई जरूर हुई पर स्कूल भवनों की सुरक्षा का जिम्मा समग्र शिक्षा अभियान की सिविल शाखा कृषि अभियंताओं के भरोसे ही चल रही हैं।
हादसे के बाद शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कृषि अभियंताओं की नियुक्ति पर सवाल खड़े करते हुए यहां एसई अशोक थैया को हटाने के निर्देश दिए। खानापूर्ति के नाम पर उन्हें मौजूदा पद से तो हटा दिया, लेकिन सिविल शाखा में ही एक्सईएन के पद ही तैनाती दे दी। तकनीक दक्ष अभियंताओं का अभी इंतजार ही है।
समग्र शिक्षा अभियान की सिविल शाखा में डिग्री-डिप्लोमाधारी शिक्षक, एलडीसी, प्रयोगशाला सहायकों को ही इंजीनियर की जगह लगाया हुआ है। जब से सिविल शाखा शुरू की गई हैं, तब से ही कृषि विभाग के अभियंताओं को यहां प्रतिनियुक्ति पर ले रखा है। विभाग में स्वीकृत कुल पदों पर आधे तो अभियंता ही नहीं है और जो भी अभियंता लगे हैं, वे भी अपने कार्यक्षेत्र में दक्ष नहीं हैं।
समग्र शिक्षा अभियान की सिविल शाखा को जुगाड़ से चलाया जा रहा है। यहां एसई से लेकर जेईएन तक के पद खाली चल रहे हैं। शाखा में कुल 468 पदों में से 223 पद खाली चल रहे हैं। 101 एक्सईएन और जेईएन संविदा पर लगे हैं।
सौ से अधिक जेईएन के पदों की जगह शिक्षक नियुक्त हैं। इन शिक्षक, एलडीसी और प्रयोगशाला सहायकों को जिला मुख्यालय और ब्लॉक स्तर पर भवनों की देखरेख का जिम्मा दे रखा है।
-एसई के एक पद स्वीकृत और एक खाली
-एईएन के चार पद स्वीकृत और चार खाली
-जेईएन के चार पद स्वीकृत और 2 खाली
-एईएन के 33 पद स्वीकृत और 25 खाली
-जेईएन के 66 पद स्वीकृत और 30 खाली
-जेईएन के 358 पद स्वीकृत और 161 पद खाली
सविल शाखा में कृषि अभियंता नहीं रहेंगे। नए सिविल अभियंता ही लगाए जाएंगे। विभाग में प्रकिया चल रही है।
-मदन दिलावर, शिक्षा मंत्री