Kotputli Kishangarh Greenfield Expressway: कोटपूतली तहसील के 14 गांवों के किसान प्रस्तावित कोटपूतली-किशनगढ़ ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अवाप्ति का विरोध कर रहे हैं।
Kotputli Kishangarh Greenfield Expressway: कोटपूतली तहसील के 14 गांवों के किसान प्रस्तावित कोटपूतली-किशनगढ़ ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अवाप्ति का कड़ा विरोध कर रहे हैं। प्रभावित किसानों ने साफ कहा है कि वे अपनी जमीन किसी भी कीमत पर नहीं देंगे और इसके लिए गांव-गांव में संकल्प पत्र तैयार किए जा रहे हैं।
किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने लालचंद मोरीजावाला धर्मशाला में घोषणा की है कि विरोध को मजबूत करने के लिए जल्द ही कोटपूतली से किशनगढ़ तक चेतना यात्रा निकाली जाएगी।
इसके लिए यात्रा समिति व मार्गदर्शक मंडल का गठन किया गया है, जिसमें सुरेश बिजरानियां को संयोजक बनाया गया है। यात्रा कोटपूतली विधानसभा से तिरंगे के साथ शुरू होगी और प्रत्येक विधानसभा की सीमा पर किसान राष्ट्रीय ध्वज को आगे बढ़ाएंगे।
जाट ने कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून में सिंचित एवं बहुफसली भूमि के अधिग्रहण पर रोक का प्रावधान है, लेकिन इसके बावजूद ऐसी भूमि का अधिग्रहण लगातार हो रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस पर रोक नहीं लगाई तो किसान महापंचायत 30 दिसम्बर को जयपुर में अन्नदाता हुंकार रैली आयोजित करेगी।
उन्होंने बताया कि इस मार्ग पर पहले से ही 225 किमी लंबा छह लेन राजमार्ग चालू है। प्रस्तावित एक्सप्रेसवे से केवल 44 किमी दूरी कम होगी, जबकि इसके निर्माण में 6500 बीघा सिंचित भूमि अधिग्रहित करनी पड़ेगी और राज्य सरकार पर 9 से 10 हजार करोड़ रुपए का वित्तीय भार आएगा।
साथ ही 15 फीट ऊंचे इस एक्सप्रेसवे से स्थानीय किसानों और ग्रामीणों को कोई लाभ नहीं मिलेगा। इस मौके पर रैली संयोजक सुरेश बिजरानियां, सरपंच संघ के पूर्व अध्यक्ष पुष्कर रावत, किसान नेता राकेश रावत, प्रदेश मंत्री महेश जाखड़, जिलाध्यक्ष बाबूलाल चौधरी सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे।