NIRF 2025 : देश की उच्च शिक्षा में राजस्थान लगातार पिछड़ रहा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) 2025 में प्रदेश का कोई भी विश्वविद्यालय टॉप-100 में जगह नहीं बना पाया। क्यों? पढ़ें ये रिपोर्ट।
NIRF 2025 : देश की उच्च शिक्षा में राजस्थान लगातार पिछड़ रहा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) 2025 में प्रदेश का कोई भी विश्वविद्यालय टॉप-100 में जगह नहीं बना पाया। सबसे बड़े राजस्थान विश्वविद्यालय के पास नैक ग्रेड होने के बावजूद वह सूची से बाहर रहा। प्रदेश के केवल चार संस्थान ओवरऑल श्रेणी में शामिल हुए हैं।
पिलानी स्थित बिट्स पिलानी को 16वीं, आइआइटी जोधपुर को 66वीं, एमएनआइटी जयपुर को 77वीं और मणिपाल यूनिवर्सिटी को 98वीं रैंक मिली है। हालांकि चारों संस्थानों की स्थिति पहले से सुधरी है। मेडिकल श्रेणी में एसएमएस मेडिकल कॉलेज जयपुर ने पिछली बार से चार स्थान बेहतर कर 43वीं रैंक हासिल की।
राजस्थान के उपमुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कहा, ’पिछली बार की तुलना में राजस्थान के उच्च शिक्षण संस्थानों की स्थिति में सुधार आया है। राज्य सरकार लगातार सुधार और नवाचार पर काम कर रही है। लक्ष्य है कि हमारे विश्वविद्यालय न केवल रैंकिंग में ऊपर आएं, बल्कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और शोध के केंद्र बनें।’
प्रो. नवीन माथुर का कहना है, ई-लर्निंग व दूरस्थ शिक्षा केंद्र की स्थापना, शोध पर निवेश और अंतरराष्ट्रीय मानकों पर कार्य करना ही संस्थानों को आगे ला सकता है। पूर्व कुलपति प्रो. अरविंद अग्रवाल कहते हैं, नए खुले कॉलेजों में अनुसंधान व नवाचार का अभाव है। योग्य शिक्षक वहां नहीं टिकते। रिक्त पद भरने, नेक मान्यता अनिवार्य करने और गुणवत्ता निगरानी तंत्र स्थापित करने की तत्काल जरूरत है।