Panchayati Raj Day : पंचायती राज दिवस आज है। जानकर ताज्जुब होगा कि आजादी के इतने साल के बाद भी राजस्थान की कोई पंचायत ‘ए’ क्लास में जगह नहीं बना पाई है। राजस्थान सरकार नई ग्राम पंचायतों का गठन कर रही है। पिछला रिकार्ड भजनलाल सरकार के लिए एक सबक है।
Panchayati Raj Day : लोकतंत्र की पहली सीढ़ी पंचायती राज को ताकतवर बनाने के लिए राजनेता विधानसभा से लेकर लोकसभा तक जमकर वकालत करते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि आजादी के इतने वर्षों बाद भी प्रदेश की कोई ग्राम पंचायत ‘ए’ श्रेणी में जगह नहीं बना पाई।
केन्द्रीय पंचायती राज मंत्रालय ने हाल ही पंचायत उन्नति सूचकांक (पीएआई) जारी किया। केन्द्र सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के अध्ययन के आधार उन्नति सूचकांक रिपोर्ट जारी की है। इसके लिए प्रदेश की 11207 ग्राम पंचायतों में से 10634 ग्राम पंचायतों ने आंकड़े पेश किए थे।
रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 1580 पंचायतें बी-श्रेणी में, 8876 सी-श्रेणी में और 178 ग्राम पंचायतों को डी-श्रेणी में रखा गया है। इससे ग्राम पंचायतों के विकास में पिछडने की कहानी झलक रही है। इस बीच राज्य सरकार नई ग्राम पंचायतों का गठन कर रही है। इसमें पंचायतों की उन्नति के लिए हर पैरामीटर को ध्यान में रखने की जरूरत है।
उन्नत आजीविका, स्वास्थ्य, बाल अनुकूल, जल पर्याप्त, स्वच्छता व हरित पंचायत, आत्मनिर्भर बुनियादी सुविधाएं, सामाजिक रूप से सुरक्षित, सुशासन और महिला कल्याण।
ग्राम पंचायत - जिला-स्कोर
पिंडवाल - डूंगरपुर - 72.17
सेहवाज - पाली - 69.99
पुरा बारी - सीकर - 69.50
साजनवासी - बीकानेर - 69.43
गोथरा लाम्बा - झुंझुनू - 69.36।
ये निचले पायदान पर
डोलिका - दौसा - 34.29
बेहरारेखपुरा - भरतपुर - 34.86
लूनछ - चूरू - 35.35
पिपलाई - अलवर - 35.43
अयानी - कोटा - 35.56।
अचीवर - ए-प्लस (90 से अधिक)
फ्रंट रनर - ए (75 से 90 तक)
परफॉर्मर - बी (60 से 75 तक)
एस्पिरेंट - सी (40 से 60 तक )
बिगिनर - डी (0 से 40 से नीचे)।