Railway Decision : भारतीय रेलवे ने राजधानी जयपुर को बड़े रेल हब के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। नए टर्मिनल स्टेशन भी बनाए जाएंगे। जिससे यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।
Railway Decision : रेल यात्रियों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए भारतीय रेलवे ने राजधानी जयपुर को बड़े रेल हब के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। वर्ष 2030 तक जयपुर में ट्रेनों की ओरिजिनेटिंग और हैंडलिंग ऑपरेशन क्षमता को मौजूदा स्तर से दोगुना करने का लक्ष्य तय किया गया है। मौजूदा टर्मिनल स्टेशनों पर सुविधाएं विकसित की जाएंगी और नए टर्मिनल स्टेशन भी बनाए जाएंगे। जिससे यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।
दरअसल, वर्तमान में जयपुर जंक्शन पर ट्रेनों का अत्यधिक दबाव रहता है और आगामी वर्षों में यात्रीभार और बढ़ने की संभावना है। इसी को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने अब केवल मुख्य स्टेशन पर निर्भर रहने के बजाय जयपुर क्षेत्र के अन्य प्रमुख स्टेशनों खातीपुरा, सांगानेर और गांधीनगर स्टेशन को समान रूप से विकसित करने की रणनीति बनाई है, ताकि परिचालन संतुलन कायम किया जा सके। इसका काम चरणबद्ध समय में किया जाएगा।
योजना के तहत इन स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म की संख्या बढ़ाई जाएगी। स्टेबलिंग लाइन, पिट लाइन और शंटिंग सुविधाओं का विस्तार होगा। आधुनिक मेगा कोचिंग मेंटेनेंस कॉम्प्लेक्स विकसित किए जाएंगे। साथ ही, सिग्नलिंग सिस्टम का अपग्रेडेशन किया जाएगा। मल्टी-ट्रैकिंग और ट्रैफिक फैसिलिटी वर्क्स पूरे किए जाएंगे। खास बात यह है कि इससे मेंटेनेंस क्षमता और सेक्शन कैपेसिटी में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, खातीपुरा सैटेलाइट स्टेशन को जयपुर के लिए वैकल्पिक टर्मिनल के रूप में विकसित किया जाएगा। भविष्य में यहां से नियमित ट्रेनों का संचालन बढ़ाया जाएगा, जिससे जयपुर जंक्शन पर दबाव कम होगा और यात्रियों को सीधी राहत मिलेगी।
बताया जा रहा है कि इस बदलाव से राजधानी में नई ट्रेनों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। साथ ही, जयपुर से चलने वाली ट्रेनों की संख्या में इजाफा होगा। इसके अलावा प्लेटफॉर्मों पर भीड़ कम होगी। जंक्शन के अलावा अन्य स्टेशनों का कायाकल्प होगा। लोगों को मुख्य जंक्शन की ओर नहीं जाना पड़ेगा।