जयपुर

WhatsApp चलाते हैं तो अगले शिकार हो सकते हैं आप, ठगी का एकदम नया तरीका, पुलिस ने जारी की चेतावनी

Rajasthan Police Cyber Fraud News: डर और घबराहट में कई लोग बिना सत्यापन किए राशि ट्रांसफर कर देते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं।

2 min read
Oct 25, 2025
Alert By Rajasthan Police

WhatsApp Cyber Fraud: देश भर में बढ़ रहे साइबर अपराधों के बीच, राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने आम जनता को एक खतरनाक और नए तरीके की ठगी के प्रति आगाह किया है। यह नया जाल 'फर्जी कोर्ट सम्मन/वारंट धोखाधड़ी' के नाम से फैलाया जा रहा है, जिसमें अपराधी खुद को न्यायालय अधिकारी या पुलिस बताकर निर्दोष नागरिकों को डराते हैं और ऑनलाइन माध्यम से उनकी गाढ़ी कमाई ऐंठते हैं।


उपमहानिरीक्षक पुलिस साइबर क्राइम विकास शर्मा ने इस मामले में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि साइबर अपराधी अब विशेष रूप से नागरिकों को फंसाने के लिए सुनियोजित तरीके अपना रहे हैं। वे डिजिटल हस्ताक्षर युक्त फर्जी न्यायालय सम्मन, जमानती वारंट या यहां तक कि झूठी एफआईआर के नोटिस सोशल मीडिया (जैसे WhatsApp या Email) के जरिए भेजते हैं।
इसके बाद, ये अपराधी पीड़ितों को कानूनी कार्रवाई की धमकी देकर डराते हैं और केस को निरस्त कराने या जमानत दिलवाने के नाम पर तत्काल ऑनलाइन भुगतान (UPI/Wallet/Bank Transfer) की मांग करते हैं। डर और घबराहट में कई लोग बिना सत्यापन किए राशि ट्रांसफर कर देते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं।

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ठगी से बचने के लिए सुरक्षा उपाय:
राजस्थान पुलिस ने इस प्रकार की धोखाधड़ी से बचने के लिए पांच महत्वपूर्ण सुरक्षा उपायों की सूची जारी की है:

  • सत्यापन है अनिवार्य: किसी भी प्रकार का कोर्ट सम्मन/वारंट प्राप्त होने पर, तुरंत संबंधित न्यायालय या पुलिस थाना से उसकी सत्यता की जांच करें।
  • संदिग्ध लिंक से बचें: सोशल मीडिया पर प्राप्त किसी भी नोटिस में दिए गए संदिग्ध लिंक पर कभी भी क्लिक न करें।
  • ऑनलाइन भुगतान न करें: किसी भी अनजान व्यक्ति या संस्था द्वारा जमानत राशि या शुल्क के नाम पर मांगी गई राशि ऑनलाइन ट्रांसफर करने से सख्ती से बचें।
  • दस्तावेजों की जांच: सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त किसी भी संदिग्ध लिंक, वीडियो कॉल या दस्तावेज की गहन जांच करें।
  • गोपनीयता बनाए रखें: अपना आधार नंबर, बैंक खाता विवरण या ओटीपी (OTP) जैसी संवेदनशील जानकारी किसी भी अनजान व्यक्ति को साझा न करें।
  • डीआईजी शर्मा ने जनता से अपील की है कि यदि कोई भी व्यक्ति इस प्रकार की धोखाधड़ी का शिकार होता है, तो वह तुरंत निकटतम पुलिस स्टेशन, साइबर पुलिस स्टेशन, या साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल https://cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराए। इसके अतिरिक्त, सहायता के लिए साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 और साइबर हेल्पडेस्क नंबर 9256001930/9257510100 पर भी संपर्क किया जा सकता है।

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Published on:
25 Oct 2025 08:10 am
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