अरावली संरक्षण को लेकर NSUI ने राजधानी जयपुर में पैदल मार्च निकाला। जालूपुरा से कलेक्ट्रेट तक हुई रैली में सचिन पायलट, NSUI प्रदेश अध्यक्ष विनोद जाखड़ और हजारों कार्यकर्ता शामिल हुए। इस दौरान सचिन पायलट के बेटे आरान पायलट भी पहली बार किसी राजनीतिक आंदोलन में नजर आए।
जयपुर: राजस्थान की जीवनरेखा मानी जाने वाली अरावली पर्वतमाला के संरक्षण को लेकर जयपुर में NSUI ने बड़ा आंदोलन किया। “अरावली बचाओ-भविष्य बचाओ” के नारे के साथ जालूपुरा से कलेक्ट्रेट तक निकाले गए पैदल मार्च में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, NSUI प्रदेश अध्यक्ष विनोद जाखड़ सहित हजारों छात्र और कार्यकर्ता शामिल हुए।
इस रैली की खास बात यह रही कि इसमें सचिन पायलट के बेटे आरान पायलट भी नजर आए। माना जा रहा है कि यह पहली बार है, जब पायलट के बेटे किसी राजनीतिक आंदोलन में सार्वजनिक रूप से शामिल हुए।
मार्च के दौरान कलेक्ट्रेट परिसर में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सचिन पायलट ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि हजारों साल पुरानी अरावली पर्वतमाला को बचाने के बजाय सरकार की नीतियां इसे खतरे में डाल रही हैं। पायलट ने सवाल उठाया कि अरावली क्षेत्र में आज भी सैकड़ों स्थानों पर अवैध खनन जारी है, आखिर यह सब किसके संरक्षण में हो रहा है?
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार केवल कागजी दावे और अदालतों के आदेशों का हवाला देकर अपनी जिम्मेदारी से बच रही है, जबकि जमीनी स्तर पर संरक्षण के ठोस प्रयास नहीं हो रहे।
सचिन पायलट ने कहा, अरावली केवल पहाड़ों की श्रृंखला नहीं, बल्कि उत्तर भारत के लिए एक सुरक्षा कवच है। यह रेगिस्तान के फैलाव को रोकती है, मानसून को प्रभावित करती है और जल, खेती, पशुपालन व पर्यावरण संतुलन के लिए बेहद जरूरी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर अरावली को बचाना है तो बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण करना होगा और अवैध खनन पर सख्ती से रोक लगानी होगी।
इस रैली में पहली बार सार्वजनिक रूप से शामिल हुए आरान पायलट ने भी युवाओं की मौजूदगी की ओर इशारा करते हुए कहा कि इस आंदोलन में Gen-Z की मजबूत भागीदारी है। उनका कहना था कि पर्यावरण को लेकर नई पीढ़ी सजग है और अपने भविष्य के लिए आवाज उठा रही है।