SI Recruitment-2021: राजस्थान हाईकोर्ट ने SI भर्ती-2021 के मामले में गिरफ्तार राजस्थान लोक सेवा आयोग के तत्कालीन सदस्य रामूराम राइका सहित 23 आरोपियों की जमानत मंजूर कर राहत दी।
SI Recruitment-2021: राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती-2021 के मामले में गिरफ्तार राजस्थान लोक सेवा आयोग के तत्कालीन सदस्य रामूराम राइका सहित 23 आरोपियों की जमानत मंजूर कर राहत दी, वहीं 30 की जमानत मंजूर करने से इंकार कर दिया। राइका के बेटे और बेटी पहले ही जमानत पर रिहा हो चुके, वे दोनों इस भर्ती में चयनित हुए थे। राइका को आयोग सदस्य बाबूलाल कटारा ने पेपर उपलब्ध कराया था।
हाईकोर्ट ने जिन आरोपियों की जमानत मंजूर की, उनमें प्रशिक्षु एसआइ, डमी महिला परीक्षार्थी, हैंडलर और पेपर खरीदने वाले अभ्यर्थी शामिल हैं। इनमें ज्यादातर वे हैं, जिनके खिलाफ बहुत अधिक सबूत नहीं हैं। वहीं उन 29 आरोपियों की जमानत खारिज कर दी, जिन पर गंभीर आरोप हैं या जिनके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध हैं।
न्यायाधीश अशोक कुमार जैन ने 19 अगस्त को सभी 52 आरोपियों की जमानत पर सुनवाई पूरी कर ली थी, जिसके आधार पर सोमवार को फैसला सुनाया। राइका की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेकराज बाजवा ने कहा कि आरोपी लंबे समय से जेल में है और मामले में चालान पेश हो चुका है, ऐसे में अब आरोपी को कस्टडी में रखने का कोई औचित्य नहीं है। समान केस में सुप्रीम कोर्ट सह आरोपियों को जमानत दे चुका। राइका को 1 सितम्बर 2024 को ने 5 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया।
रामू राम राईका को 4 जुलाई 2018 को तत्कालीन बीजेपी सरकार के समय आरपीएससी सदस्य बनाया गया, 4 जुलाई 2022 तक कार्यकाल रहा। आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा से अपने बेटे और बेटी के लिए परीक्षा से पहले पेपर लिया। कटारा वरिष्ठ अध्यापक भर्ती और एसआई भर्ती पेपरलीक मामले में जेल में है। वहीं, राइका के बेटे देवेश और बेटी शोभा को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी। शोभा की 5वीं और देवेश की 40वीं रैंक थी।