जयपुर

राजस्थान रोडवेज बस की 80 km/h से ज्यादा स्पीड तो चालक के पास फोन..भगाओ मत, कंट्रोल रूम से ओवर स्पीड पर लगाम

Speed Limit for Roadways Buses: जयपुर। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (रोडवेज) ने बसों की रफ्तार में तकनीकी पहरा लगाया है। इसके जरिए बसों की ओवर स्पीड को रोका जा रहा है। नई व्यवस्था के तहत रोडवेज की एक्सप्रेस बसों के लिए अधिकतम गति 80 किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई है।

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Dec 29, 2025
राजस्थान रोडवेज बसों पर तकनीक का पहरा, फोटो मेटा एआइ

Speed Limit for Roadways Buses: जयपुर। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (रोडवेज) ने बसों की रफ्तार में तकनीकी पहरा लगाया है। इसके जरिए बसों की ओवर स्पीड को रोका जा रहा है। सड़क सुरक्षा के साथ डीजल की खपत को कम करने के लिए रोडवेज की तीन हजार बसों में व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम (वीटीएस) डिवाइस लगाई है। बसों की मॉनिटरिंग के लिए जयपुर मुख्यालय में कंट्रोल बनाया है। कंट्रोल रूम से तीन हजार बसों की रफ्तार पर लगाम लगाई जा रही है।

नई व्यवस्था के तहत रोडवेज की एक्सप्रेस बसों के लिए अधिकतम गति 80 किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई है। जैसे ही कोई बस इस सीमा को पार करती है, कंट्रोल रूम में तुरंत अलर्ट बज उठता है। अलर्ट मिलते ही संबंधित डिपो के यातायात प्रबंधक को फोन किया जाता है और बस नंबर, रूट व मौजूदा स्पीड की जानकारी दी जाती है। इसके बाद यातायात प्रबंधक सीधे चालक से संपर्क कर तय गति में ही बस चलाने के निर्देश देते हैं। बार-बार नियम तोड़ने वाले चालकों को नोटिस भी जारी किए जा रहे हैं। नोटिस से डर से अब चालक तय स्पीड में ही बसों का संचालन किया जा रहा है।

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समय पर चल रही बसें, लंबे ठहराव कम हो गए

इस सख्ती का असर यह भी हुआ है कि चालक अब स्पीड लिमिट का पालन कर रहे हैं। सिर्फ गति ही नहीं, जयपुर मुख्यालय कंट्रोल रूम से बसों के समय पर निकलने और गंतव्य पर पहुंचने की भी निगरानी हो रही है। इससे एक और अहम बदलाव आया है कि अब रूट पर ढाबों पर अनावश्यक और लंबे ठहराव कम हो गए हैं। चालक न तो समय से पहले पहुंचने की होड़ में तेज दौड़ा रहे हैं और न ही देर करने के लिए बेवजह रुक रहे हैं।

इधर, तकनीक का यह प्रयोग सड़क सुरक्षा तक सीमित नहीं है। धीमी और नियंत्रित ड्राइविंग से डीजल की खपत में भी कम हो रही है, इससे निगम के परिचालन खर्च घटे हैं और आय में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।

पैनिक बटन के रोज 500 अलर्ट

रोडवेज बसों में यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए पैनिक बटन भी लगाए गए हैं। बसों से रोज करीब 500 पैनिक बटन के अलर्ट आ रहे हैं। लेकिन इनमें 60 फीसदी से अधिक अलर्ट फर्जी आ रहे हैं। इनमें कभी बच्चे खेल-खेल में पैनिक बटन दबा रहे हैं तो बुजुर्ग चैक कर रहे हैं कि यह कैसे काम करता है। वहीं, महिलाएं चार्जिंग पॉइंट्स समझकर पैनिक बटन को दबा रही है। वहीं, 40 फीसदी अलर्ट में यात्री परेशानी बता रहे हैं। इन समस्याओं का समाधान कंट्रोल रूम की मदद से किया जा रहा है।

जिम्मेदार ये बोले

रोडवेज बसों की स्पीड की मॉनिटरिंग की जा रही है। बसें 80 की स्पीड से अधिक दौड़ती है तो चालकों को चेताया जा रहा है। व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम से काफी सुधार हो रहा है। चालक अब बसों को ओवर स्पीड में नहीं चला रहे हैं। सड़क हादसों में कमी लाने के प्रयास किए जा हैं।

पुरुषोत्तम शर्मा, एमडी रोडवेज

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