रोडवेज बस में टिकट को लेकर ट्रांसजेंडर वकील और परिचालक के बीच हुआ विवाद थाने तक जा पहुंचा। मशीन में ट्रांसजेंडर विकल्प नहीं होने पर शुरू हुई बहस आधे घंटे की समझाइश के बाद शांत हुई।
दूदू। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की बस में सवार ट्रांसजेंडर वकील और परिचालक के बीच टिकट को लेकर गुरुवार को हुई तीखी बहस थाने तक पहुंच गई। ब्यावर डिपो की जयपुर-जोधपुर रूट पर चलने वाली रोडवेज बस जयपुर से जोधपुर की ओर जा रही थी।
इसी दौरान जयपुर से सवार ट्रांसजेंडर वकील को परिचालक ने महिला श्रेणी का टिकट दिया। उन्होंने टिकट लेने से इनकार करते हुए आपत्ति जताई कि उन्हें ट्रांसजेंडर कैटेगरी का टिकट दिया जाए। परिचालक ने बताया कि टिकट मशीन में केवल पुरुष और महिला दो ही विकल्प हैं, ऐसे में वह ट्रांसजेंडर श्रेणी का टिकट जारी नहीं कर सकता। इस पर वह नाराज हो गई और दोनों में बहस बढ़ती चली गई।
स्थिति बिगड़ने पर चालक और परिचालक बस को सवारियों सहित दूदू थाने ले गए। थानाधिकारी मुकेश कुमार और पुलिसकर्मियों ने बस में ही वकील और परिचालक से करीब आधे घंटे तक समझाइश की, इसके बाद मामला शांत हुआ।
वकील ने कहा कि वे ट्रांसजेंडर कैटेगरी में आती हैं और सरकार ने उन्हें मान्यता दी है। आधार कार्ड में भी थर्ड जेंडर का विकल्प उपलब्ध है। ऐसे में टिकट मशीन में विकल्प नहीं होने पर उन्हें जीरो टिकट देकर यात्रा की सुविधा दी जानी चाहिए थी। उन्होंने बताया कि अधिकारों के लगातार हनन को देखते हुए वे जल्द ही इस मामले में हाईकोर्ट में रिट दायर करेंगी।
ट्रांसजेंडर के टिकट को लेकर कोई नियम नहीं निकला है। जब सरकार आदेश निकालेगी, तब उनका अलग टिकट बनेगा। अभी कोई आदेश नहीं है।
ट्रांसजेंडर वकील व कंडक्टर से समझाइश कर मामले को शांत करवाकर बस को रवाना किया गया।