Ajmer Road tanker blast: जयपुर। अजमेर रोड पर ठीक एक साल पहले 20 दिसंबर को गैस टैंकर हादसे ने 20 जिंदगियों को अपनों से हमेशा के लिए दूर कर दिया। अलसुबह सड़क पर उगली आग सिर्फ जिंदगियां नहीं, पूरे परिवारों का भविष्य जला गईं।
Jaipur Tanker blast: जयपुर। अजमेर रोड पर ठीक एक साल पहले 20 दिसंबर को गैस टैंकर हादसे ने 20 जिंदगियों को अपनों से हमेशा के लिए दूर कर दिया। अलसुबह सड़क पर उगली आग सिर्फ जिंदगियां नहीं, पूरे परिवारों का भविष्य जला गईं। बालमुकुंदपुरा निवासी गीता देवी ने पहले पति को खोया, फिर इस हादसे ने जवान बेटे राधेश्याम को भी छीन लिया। एक साल बीत गया, लेकिन आंसू थमे नहीं। नायला के लालाराम सैनी के घर भी खुशियों से पहले मातम पसर गया। नया घर सूना रह गया, मां रोज बेटे की यादों में टूटती है।
हादसे में नायला निवासी लालाराम सैनी (28) की मौत हो गई थी। लालाराम की असमय मौत के सदमे से परिवार में आज भी उबर नहीं पाया। पिता कैलाशचंद सैनी ने बताया कि बेटे की शादी के लिए उन्होंने नया घर बनवाया था। आंसू पोंछते हुए उन्होंने कहा कि सोचा था इसी घर में बेटा अपनी पत्नी और परिवार के साथ रहेगा, लेकिन किसे पता था कि यह घर खुशियों से पहले ही वीरान हो जाएगा।
इतना कहते ही उनकी आवाज भर्रा गई व शब्दों ने साथ छोड़ दिया। मां मनभर देवी का हाल और भी ज्यादा पीड़ादायक है। वह रोज बेटे की यादों में खो जाती हैं। कभी उसकी हंसी याद आती है, तो कभी घर के कामों में हाथ बंटाने की बातें। वह कहती हैं कि लालाराम घर का सबसे समझदार बेटा था, सुबह निकलते समय कहकर गया था कि जल्दी लौट आएगा, लेकिन वह नहीं आया। बड़े भाई गणेश का कहना था कि मैंने सिर्फ भाई नहीं खोया, बल्कि अपना दाहिना हाथ खो दिया।
बता दें कि 20 दिसंबर को को सुबह गैस टैंकर की ट्रक से भिड़ंत हुई। भिड़ंत इतनी तेज थी कि गैस टैंकर के तीनों नोजल टूट गए। अचानक हुई इस टक्कर से गाड़ियां आपस में टकरा कर रुक गईं। जैसे ही लोगों को गैस फैलने का आभास हुआ, सभी अपनी गाड़ियों को स्टार्ट कर फटाफट वहां से निकलने की कोशिश करने लगे।
इस बीच गाड़ियों के टकराने, इग्निशन के स्पार्क या सड़क पर गाड़ियों के रगड़ से पैदा हुई चिंगारी से आसपास जमीन से 4 से 5 फुट की ऊंचाई पर हवा में तैर रही गैस में आग लग गयी। जितनी दूरी तक एलपीजी गैस फैली थी, वहां तक पलक झपकते ही आग की लपटें पहुंच गई। गैस के विस्फोट के दायरे में जो कोई भी आया वह बुरी तरह झुलस गया। दर्दनाक हादसे में 20 लोगों की मौत हुई और 24 लोग झुलस गए थे।
भांकरोटा हादसे में पत्नी को खो चुके नरसिंहपुरा, भांकरोटा निवासी रमेश शर्मा के पास अब सिर्फ पत्नी नीरा की यादें बची हैं। रमेश ने बताया कि हादसे वाले दिन दोनों एक ही कार में थे। किसी को अंदाजा नहीं था कि यह साथ आखिरी साबित होगा। हादसे में कार में ही दोनों बुरी तरह झुलस गए। दोनों को अस्पताल के बर्न वार्ड में भर्ती कराया गया। रमेश ने बताया कि जब उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया तो उन्होंने नीरा से कहा था, तुम भी चलो।
इस पर नीरा ने कहा कि आप घर जाइए, बच्चों को संभालिए, मैं जल्द लौट आऊंगी लेकिन किसे पता था कि यह वादा अधूरा रह जाएगा। इतना कहते ही रमेश की आंखें भर आईं। वे कहते हैं कि हादसे ने मेरी पत्नी ही नहीं छीनी, बल्कि बच्चों मां का साया भी उठ गया। रमेश और नीरा के एक लड़का और एक लड़की हैं।
कमेटी की रिपोर्ट के बाद अवैध रोड कट बंद करने, संकेतक लगवाने समेत अन्य सुधारात्मक कदम उठाए गए। एनएचएआइ की अधिकारी का स्थानांतरण किया गया। पेट्रोलियम कंपनियों को अनियमितताओं पर नोटिस जारी किए गए। ट्रैफिक पुलिसकर्मी नियुक्त किए गए। हादसों के कारणों के आधार पर काफी सुधारात्मक कदम उठाए गए।
युगान्तर शर्मा, एडीएम साउथ