Jaisalmer Bus Fire: जैसलमेर बस अग्निकांड में रविवार को फिर एक मौत हो गई। इस हादसे को हुए डेढ़ महीने बीत चुके हैं, लेकिन अभी मरने वालों का सिलसिला खत्म नहीं हुआ है।
जैसलमेर। थईयात गांव के पास हुए भीषण बस अग्निकांड का दर्द अभी भी खत्म नहीं हुआ है। घटना के डेढ़ महीने बाद घायलों में से एक और व्यक्ति ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। रविवार को उपचाराधीन उबेदुला (50) पुत्र सुमार खान ने जोधपुर एम्स में आखिरी सांस ली। इसके साथ ही इस दुखद हादसे में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 29 हो गई है।
उबेदुला मूल रूप से पोकरण के पास स्थित गोमट गांव के निवासी थे और केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (CAZRI) जैसलमेर में सीनियर टेक्निकल ऑफिसर के पद पर कार्यरत थे। वे प्रतिदिन जैसलमेर से पोकरण आने-जाने के लिए निजी बस का उपयोग करते थे। 14 अक्टूबर को हुए हादसे में वे गंभीर रूप से झुलस गए थे। तब से वे जोधपुर एम्स में भर्ती थे, जहां उनकी हालत लगातार नाजुक बनी हुई थी। रविवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। परिजन उनका शव लेकर गोमट पहुंचे, जहां नम आंखों से उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया। उनके परिवार में पत्नी और पांच बेटियां हैं।
गौरतलब है कि 14 अक्टूबर की सुबह जैसलमेर से जोधपुर की ओर जा रही एक निजी एसी स्लीपर बस में थईयात गांव के पास अचानक आग लग गई थी। भीषण लपटों ने देखते ही देखते पूरे वाहन को अपनी चपेट में ले लिया। हादसे के तुरंत बाद 19 यात्रियों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग गंभीर रूप से झुलस गए थे। प्रारंभिक बचाव के बाद सभी घायलों को जोधपुर रेफर किया गया, जहां अधिकांश का इलाज जारी रहा। इलाज के दौरान कई घायलों की हालत बिगड़ती गई और एक-एक करके उन्होंने दम तोड़ दिया।
एफएसएल की जांच रिपोर्ट में बस में आग लगने का कारण एयर कंडीशनिंग सिस्टम में शॉर्ट सर्किट बताया गया। रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि बस में सुरक्षा संबंधी कई खामियां थीं, जिनकी वजह से आग तेजी से फैल गई और यात्रियों को बाहर निकलने का मौका ही नहीं मिला।