जैसलमेर के गड़ीसर सरोवर क्षेत्र में शाम ढलते ही नशे का अवैध कारोबार सक्रिय हो जाता है। कैमरे में बाइक सवार गिरोह के सौदे कैद हुए हैं, जो अंधेरा होते ही युवाओं को नशा सप्लाई करते हैं।
जैसलमेर: स्वर्णनगरी का गड़ीसर सरोवर, जहां दिन में पर्यटक शांति का आनंद लेते हैं, शाम ढलते ही नशे का अड्डा बन जाता है। कैमरे में कैद हुई हकीकत ने दिखा दिया कि सरोवर की दीवारों के पीछे नशे का कारोबार खुलेआम चल रहा है।
बाइक सवार युवक पैकेट निकालते हैं, सौदे होते हैं और हवा में नशे की गंध तैरती है। पत्रिका टीम जब गत चार दिसंबर को गड़ीसर सरोवर पहुंची तो हर तरफ शांति पसरी थी और पर्यटक टहल रहे थे, लेकिन इसी माहौल के पीछे कुछ और भी चल रहा था।
पत्रिका टीम जैसे ही सरोवर के पीछे उस रास्ते पर पहुंची, जहां दिन में तो कोई जाता भी नहीं, वहां हलचल दिखाई दी। एक बाइक सरोवर की दीवार के पास आकर रुकी। दो युवकों ने बैग से कुछ पैकेट निकाले और इशारों में लेन-देन शुरू कर दिया। हवा में नशे की तेज गंध साफ महसूस हो रही थी।
कोई डर, कोई हड़बड़ाहट नहीं…जैसे यह जगह इनका रोज का अड्डा हो। पत्रिका टीम ने दूर से कैमरा ऑन किया। बस इतनी सी हरकत कि बाइक सवारों ने पीछे मुड़कर देखा और माहौल पल भर में बदल गया। चल…चल कोई है…इतना कहते ही बाइक स्टार्ट की और कुछ ही सेकेंड में अंधेरे में गायब हो गए।
हड़बड़ी में वे पीछे छोड़ गए…नशे की तलब मिटाने वाले खुले पैकेट, रोलिंग पेपर, शीशियां और पन्नियां, जो साफ संकेत दे रही थीं कि यहां नशे का खेल खुलकर चलता है।