Education Department New Order : राजस्थान में शिक्षा विभाग का नया फरमान आया है। अब 5वीं व 8वीं कक्षा में कम अंक आने पर संस्था प्रधान पर कार्रवाई होगी।
Education Department New Order : राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर की ओर से दसवीं व बारहवीं कक्षा में परिणाम कम होने पर शिक्षकों व संस्था प्रधान के खिलाफ कार्रवाई की तर्ज पर अब पांचवीं व आठवीं कक्षा के परिणाम के आधार पर भी संस्था प्रधानों का समान करने के साथ-साथ कम परिणाम पर गाज गिरने वाली हैं। इसके तहत कक्षा आठवीं व पांचवीं के परीक्षा परिणाम में 90 प्रतिशत या अधिक विद्यार्थियों के ‘ए’ ग्रेड प्राप्त करने वाले संस्था प्रधानों को शिक्षा विभाग की ओर से प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। वहीं 50 प्रतिशत या अधिक विद्यार्थियों के ग्रेड ‘ई’ आने पर संबंधित संस्था प्रधान के विरुद्ध सीसीए नियम-17 के तहत कार्रवाई भी की जाएगी। इस दौरान यदि किसी स्कूल में एक कक्षा का परिणाम श्रेष्ठ रहता है और दूसरी कक्षा में परिणाम न्यून रहने पर 17 सीसीए के तहत नोटिस दिया जा रहा है, तो उस अच्छे परिणाम वाली कक्षा के लिए भी प्रमाण पत्र नहीं दिया जाएगा।
प्रारंभिक शिक्षा के तहत कक्षा पांचवी व आठवीं में किए जाने वाले ग्रेडिंग सिस्टम में पांच तरह की ग्रेड तय है। इन पांच ग्रेडिंग को प्राप्त करने के लिए अंक भी निर्धारित किए हुए हैं। नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुसार भले ही कक्षा आठवीं बोर्ड में किसी विद्यार्थी को अनुत्तीर्ण घोषित नहीं किया जाता है, परन्तु विद्यार्थी के 33 प्रतिशत से कम अंक रहने वाले विषय में ‘ई’ ग्रेड दी जाएगी। इसका मतलब होगा कि इस विषय की पूरक परीक्षा देनी होगी। यानि ए-बी-सी-डी ग्रेड मिली तो आठवीं पास और अगली कक्षा 9 में क्रमोन्नत होना माना जाएगा। जबकि ‘ई’ ग्रेड आने का मतलब सप्लीमेंट्री होगा और उस विद्यार्थी को संबंधित विषय की पूरक परीक्षा देनी होगी।
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कक्षा आठवीं व पांचवीं में किसी विषय के परीक्षा परिणाम में 95 प्रतिशत या उससे अधिक विद्यार्थियों के ग्रेड ‘ए’ प्राप्त करने पर संबंधित विषय के शिक्षक को भी प्रमाण पत्र दिया जाएगा। वहीं 40 प्रतिशत या अधिक विद्यार्थियों के ग्रेड ‘डी’ या इससे नीचे का ग्रेड आने पर उस विषय के शिक्षक के खिलाफ नियम 17 सीसीए के तहत कार्रवाई भी की जाएगी।
मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, भोपालगढ़ अलपुराम टाक ने कहा, संस्था प्रधानों व शिक्षकों को पांचवीं व आठवीं बोर्ड में श्रेष्ठ परिणाम पर जिला शिक्षा अधिकारी व संयुक्त निदेशक की ओर से प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। वहीं परीक्षा परिणाम न्यूनतम रहने पर इन्हें नोटिस भी जारी किए जाएंगे।
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