व्यापारियों का कहना है कि मूंग की क्वालिटी खराब होने से दाम अच्छे नहीं मिल पा रहे हैं। इसके अलावा मंडी में मतीरा व तिल की आवक भी कम हो रही है।
जालोर। दीपावली निकलने के साथ ही यहां की कृषि उपज मंडी में जिंसों की आवक शुरू हो गई है। मंडी में खरीफ की उपज मूंग, मतीरा व तिल बिकने के लिए पहुंच रहे हैं। मंडी में दिनभर व्यापारियों व किसानों की चहल-पहल रहती है। इस बार अधिक बारिश से मूंग की क्वालिटी गिरने से किसानों को उपज का पर्याप्त दाम नहीं मिल रहा है।
सितंबर माह में हुई बरसात से खासकर मूंग की फसल खराब हुई है। मूंग की उपज भी कम हुई है, साथ ही क्वालिटी गिरी है। इसी वजह से किसानों को पर्याप्त दाम नहीं मिल रहे हैं। किसानों में मायूसी है। यहां मूंग मंडी में 5500-6500 रुपए प्रति क्विंटल के दाम से बिक रहे हैं। मूंग की आवक भी पिछले साल के मुकाबले आधी हो रही है।
व्यापारियों का कहना है कि पिछले साल इन दिनों मंडी में रोजाना 250-300 बोरी मूंग पहुंच रहे थे। वहीं अब रोजाना 100 बोरी के करीब ही मूंग पहुंच रहा है। इसके अलावा मंडी में मतीरा व तिल की आवक भी कम हो रही है।
किसान खरीफ फसल में बाजरा के बाद मूंग की अच्छी बुवाई करते हैं। मूंग की फसल किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित होती है, लेकिन सितंबर माह में हुई बरसात से मूंग की फसल खराब हो गई है। साथ ही उपज की गुणवत्ता भी प्रभावित हुई है। व्यापारियों का कहना है कि मूंग की उपज में दाना काला पड़ने से क्वालिटी गिर गई है।
मूंग की फसल में दाना काला पड़ गया है। इससे पर्याप्त दाम नहीं मिल रहा है। अच्छी क्वालिटी के मूंग तो मंडी में आए ही नहीं है। ऐसे में दाम भी कम चल रहे हैं।
मंडी में पिछलेे साल के मुकाबले उपज की आवक आधी है। पिछले साल रोजाना 250-300 बोरी जिंसों की आवक हो रही थी, वहीं अब 100-125 बोरी ही जिंसों की आवक हो रही है।
मंडी में लाभपंचमी पर्व के बाद से उपज पहुंचनी शुरू हुई है। मंडी में काफी रौनक तो रहती है, लेकिन इस बार उपज कम होने से आवक कम हो रही है। आगे आवक अधिक होने की संभावना है।