कृषि विभाग नागौर के संयुक्त निदेशक हरीश मेहरा ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य किसानों को आधुनिक, वैज्ञानिक एवं पर्यावरण अनुकूल कृषि तकनीकों से जोड़ते हुए उनकी आय एवं उत्पादकता में वृद्धि करना है। कृषि विज्ञान केंद्र अठियासन के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. गोपीचंद सिंह ने बताया कि यह अभियान नागौर जिले के विभिन्न विकास खंडों के अंतर्गत चयनित गांवों में संचालित किया जाएगा, जिसमें अधिक से अधिक किसानों से प्रत्यक्ष संवाद किया जाएगा। प्रत्येक दिन नागौर जिले में 3 टीमें कार्यरत रहेंगी, जिनमें 4 से 5 सदस्य रहेंगे। इन टीमों में कृषि विज्ञान केंद्र के विषय विशेषज्ञ, निकटवर्ती शोध संस्थानों के कृषि वैज्ञानिक, कृषि विभाग नागौर के अधिकारी, प्रगतिशील किसान और नवाचारों को अपनाने वाले कृषक शामिल होंगे। प्रत्येक टीम प्रतिदिन 3 गांवों में कार्यक्रम आयोजित करेगी।
ये जानकारी देंगे इस अभियान के अंतर्गत किसानों को वर्तमान फसलों के लिए उपयुक्त तकनीकों, उन्नत बीजों का चयन, बीज उपचार, संतुलित उर्वरक प्रबंधन, मृदा स्वास्थ्य कार्ड की सिफारिशों के अनुसार पोषक तत्वों के प्रयोग, कीट एवं रोग नियंत्रण, समय पर बुवाई, सिंचाई की आधुनिक विधियों तथा फसल सुरक्षा उपायों की जानकारी प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त ड्रोन तकनीक, सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई प्रणाली और आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रदर्शन भी किया जाएगा। किसानों को केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्राकृतिक खेती अभियान, जैविक खेती योजना आदि की विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
किसानों की समस्याएं भी जानेंगे कार्यक्रम के दौरान कृषि विशेषज्ञ किसानों से सीधा संवाद कर उनकी स्थानीय कृषि समस्याओं को समझेंगे, जिससे भविष्य के अनुसंधान एवं विकास की दिशा तय की जा सकेगी। किसानों को कृषि साहित्य, तकनीकी पुस्तिकाएं, योजनाओं से संबंधित जानकारी पत्रक, और नवाचारों से जुड़ी सामग्री भी वितरित की जाएगी। इस अभियान में फसल विविधिकरण, उन्नत बागवानी, जल संरक्षण तकनीकें, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और टिकाऊ खेती को प्राथमिकता दी जाएगी। ‘विकसित भारत के लिए विकसित खेती’ की संकल्पना को साकार करने की दिशा में यह अभियान एक सशक्त और प्रभावी पहल है, जो किसानों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाकर ग्रामीण कृषि व्यवस्था को लाभकारी, आत्मनिर्भर और सतत बनाएगा। कृषि विज्ञान केंद्र, अठियासन, नागौर एवं कृषि विभाग नागौर ने सभी किसानों से इस अभियान में सक्रिय भागीदारी की अपील की है।